रिफॉर्म की वापसी
नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार एक्टिव मोड में आ गयी है. केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश को लेकर आज बड़ा एलान किया. 15 क्षेत्रों में निवेश को आसान कर दिया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा कि विदेशी निवेश से देश की […]
नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार एक्टिव मोड में आ गयी है. केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश को लेकर आज बड़ा एलान किया. 15 क्षेत्रों में निवेश को आसान कर दिया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस संबंध में बयान देते हुए कहा कि विदेशी निवेश से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा.
सरकार मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों से यही करने की कोशिश कर रही है. न्यूज चैनलों पर भी एफडीआई बढ़ाकर 29 से 49 प्रतिशत कर दी गयी है. विमान सेवा और रक्षा का दायरा भी बढ़ाया गया है. इसके तहत एफआईपीबी की मंजूरी की सीमा 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये की गई है. वित्त मंत्री ने कहा इस फैसले से देश में ज्यादा पैसा आ सकेगा. मोदी सरकार ने 15 सेक्टर्स में एफडीआई के नियमों में ढील देने की घोषणा की. बिहार चुनाव परिणाम के बाद सरकार का यह बड़ा रिफार्म्स माना जा रहा है. पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में अरुण जेटली ने कहा कि इस फैसले का बिहार चुनाव के परिणाम से कोई लेना-देना नहीं है. एफडीआई की सीमा बढ़ाने काफैसला रातों -रात नहीं लिया गया है.
जिन 15 सेक्टर्स में रिफार्म्स की घोषणा की गयी. उनमें रेलवे ,मेडिकल डिवाइसेज, कंस्ट्रक्शन,एविएशन,प्लांटेशन ,पेंशन, सिंगल ब्रांड रिटेल, माइनिंग,ब्राडकास्टिंग, बैकिंग शामिल है.केन्द्र सरकार का यह कदम देश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए किया गया है. इसके लिए सरकार एफडीआई नियमों में ढील दे रही है.सरकार ने रबड़, कॉफी, इलायची, पाम आयल व जैतून की बागवानी में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है.
डायरेक्ट टू होम (डीटीएच), केबल नेटवर्क तथा बागवानी फसल के मामले में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी गयी है. वहीं टीवी चैनलों के समाचार एवं समसामयिक विषयों के अपलिंकिंग मामले में विदेशी निवेश सीमा को मौजूदा 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत कर दिया गया है. सरकार ने एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में भी नियमों में ढील दी है साथ ही शुल्क मुक्त दुकान तथा सीमित जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) में स्वत: मंजूरी के जरिये 100 प्रतिशत एफडीआई अनुमति दी गयी है. साथ ही रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश के नियमों को सरल बनाया गया है.
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