लंदन: भारत और ब्रिटेन ने आज 9 अरब पौंड मूल्य के सौदों की घोषणा की जिसके तहत असैन्य परमाणु समझौता और रक्षा व साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग का फैसला किया गया है. इसके साथ ही दोनों देशों ने रेलवे रपया बांड जारी करने पर भी सहमति जताई है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने दोनों देशों केे संबंधों को ‘‘नई गतिशील आधुनिक भागीदारी’ करार दिया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिये अपने देश का समर्थन दोहराया. कैमरन ने यहां मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस यात्रा के दौरान ब्रिटेन और भारत की कंपनियां मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में 9 अरब पौंड के नये गठबंधनों की घोषणा कर रही है.
‘ कैमरन ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आर्थिक दृष्टिकोण का वित्तपोषण करने में पहले नंबर के भागीदार बनना चाहते हैं और लंदन को विदेशों में रुपये में कारोबार का केंद्र बनाना चाहते हैं. इसके लिये सरकार समर्थित पहले रपया अंकित बाँड सहित एक अरब के बाँड जारी किये जायेंगे.’ मोदी ने इस दौरान वित्तीय संसाधन जुटाने के लिये लंदन को वित्तीय आधार के तौर पर इस्तेमाल करने के लिये योजना का उल्लेख किया.
मोदी ने कहा, ‘‘हम लंदन बाजार का वित्तीय संसाधन जुटाने के लिये पहले से ज्यादा इस्तेमाल करने जा रहे हैं और मुझे यह घोषणा करते हुये प्रसन्नता हो रही है कि हम लंदन में रेलवे रपया बाँड जारी करने जा रहे हैं. यह इस लिहाज से भी उपयुक्त होगा कि भारतीय रेलवे की शुरआत ब्रिटेन में ही हुई.’ मोदी अपने बहुप्रतीक्षित तीन दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचे. यहां पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसमें रजिमेंटल आयरिश गार्ड का बैंड भी शामिल था.
कैमरन मोदी का स्वागत करने के लिये अपने 10 डाउनिंग स्टरीट कार्यालय से बाहर निकले इसके बाद दोनों नेता दुनिया के इस सबसे प्रसिद्ध राजनीतिक कार्यालय में चले गये जहां उन्होंने 90 मिनट तक बातचीत की. इस दौरान विदेश मंत्री फिलिप हैमंड, रोजगार मंत्री प्रीति पटेल और व्यवसाय मंत्री साजिद जाविद भी उपस्थित थे. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटेन में उच्चायुक्त रंजन मथाई, विदेश सचिव एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल थे. भारत के सबसे बडे व्यापारिक भागीदारों में ब्रिटेन का 18वां स्थान है. वर्ष 2014-15 में द्विपक्षीय व्यापार 14.34 अरब डालर रहा.
भारत में निवेश करने वाले देशों में ब्रिटेन तीसरा बडा निवेशक है. मोदी ने कहा, ‘‘असैन्य परमाणु समझौता होना हमारे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और जलवायु परिवर्तन का सामना करने के हमारे संकल्प का प्रतीक है. भारत के वैश्विक स्वच्छ उर्जा भागीदारी वैश्विक केंद्र में सहयोग का समझौते से वैश्विक परमाणु उद्योग में सुरक्षा और बचाव को मजबूती मिलेगी.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ब्रिटेन के साथ रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को काफी महत्व देता है. इसमें नियमित सैनिक अभ्यास और रक्षा व्यापार एवं सहयोग भी शामिल है.
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