नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों की समस्या व अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ऋणप्रवाह सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए 23 नवंबर को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगे. सूत्रों ने बताया कि 23 नवंबर को होने वाली इस कामकाज समीक्षा बैठक में अर्थव्यवस्था को […]
नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों की समस्या व अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ऋणप्रवाह सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए 23 नवंबर को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगे. सूत्रों ने बताया कि 23 नवंबर को होने वाली इस कामकाज समीक्षा बैठक में अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए उत्पादक क्षेत्रों को ऋणप्रवाह की भी समीक्षा की जाएगी. इसी तरह सार्वजनिक बैंकों के पुनरत्थान के सात सूत्री एजेंडे (इंद्रधनुष योजना) भी चर्चा होगी.
सरकार ने अगस्त में सात सूत्री एजेंडा की घोषणा की थी जिसके तहत चार साल की अवधि में सार्वजनिक बैंकों में सरकार की ओर से 70,000 करोड रुपये का शेयर पूंजी निवेश किया जाएगा. इसके तहत मौजूदा वित्त वर्ष में 25,000 करोड रुपये लगाए जाने हैं. सार्वजनिक बैंकों का सकल एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियां) जून 2015 के आखिर में बढकर 6.03 प्रतिशत हो गयी जो कि मार्च 2015 में 5.20 प्रतिशत थी.
सूत्रों ने कहा कि बैठक में आवास, शिक्षा व कारपोरेट जैसे क्षेत्रों द्वारा ऋणउठाव और जन धन योजना व प्रधानमंत्री की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत प्रगति की समीक्षा होगी.बैठक में बैंक आफ बडौदा द्वारा 6100 करोड रुपये का काला धन कथित रुप से विदेश भेजे जाने के मामले के बाद सार्वजनिक बैंकों द्वारा इस संबंध में उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की जाएगी.
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