RBI में एक दिन की हडताल से प्रमुख बैंकिंग सेवा प्रभावित

मुंबई : केंद्र सरकार के नीतिगत सुधारों के विरोध और बेहतर सेवानिवृत्ति लाभ की मांग को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 17,000 से अधिक कर्मचरियों ने आज एक दिन का समूहिक अवकाश लिया. इस हडताल से जो सेवाएं बाधित हुईं उनमें चेक निपटान, भुगतान और विदेशी मुद्रा का लेन-देन शामिल रहीं. पिछले छह साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2015 2:34 PM

मुंबई : केंद्र सरकार के नीतिगत सुधारों के विरोध और बेहतर सेवानिवृत्ति लाभ की मांग को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 17,000 से अधिक कर्मचरियों ने आज एक दिन का समूहिक अवकाश लिया. इस हडताल से जो सेवाएं बाधित हुईं उनमें चेक निपटान, भुगतान और विदेशी मुद्रा का लेन-देन शामिल रहीं. पिछले छह साल में आरबीआई में इस पहली हडताल का आह्वान रिजर्व बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने किया जो केंद्रीय बैंक के अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की चार मान्यता प्राप्त यूनियनों का शीर्ष साझा मंच है.

ये संगठन सरकार द्वारा सार्वजनिक ऋण प्रबंधन का जिम्मा रिजर्व बैंक से लेने और मौद्रिक नीति निर्धारण में केंद्रीय बैंक की शक्ति कम करने की कथित कोशिश का विरोध कर रहे हैं. संयुक्त मंच के संचालक समीर घोष ने कहा ‘सरकार विभिन्न तरीकों से आरबीआई की शक्ति कम कर रही है. उन्होंने सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी (पीडीएमए) के गठन का प्रस्ताव किया है. मौद्रिक नीति आरबीआई के अधिकार क्षेत्र में है और सरकार इसका अंग बनना चाहती है जिससे आरबीआई की शक्ति कम होगी.’

कर्मचारी संगठन उन कर्मचारियों के पेंशन बढाने की मांग कर रहे हैं जो इससे पहले सेवानिवृत्त हुए हैं और चाहते हैं उनकी पेंशन अभी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के बराबर हो. घोष ने दावा किया कि एक दिन के सामूहिक अवकाश से बैंकों के चेकों का निपटान, भुगतान, नकदी लाने ले जाने और विदेशी मुद्रा का हस्तांतरण प्रभावित होगा. हालांकि रिजर्व बैंक आरटीजीएस (लेन-देन तत्काल विपुल निस्तारण) सुविधा जारी रखने के पूरे प्रयास कर रहा है.

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