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क्या GST मौजूदा कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए ब्रहास्त्र साबित होगी ?

नयी दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के साथ ही उद्योग मंडल एसोचैम ने विपक्षी दलों से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने में मदद करने की अपील की है. एसोचैम का कहना है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में जीएसटी भारत के लिये ‘ब्रह्मास्त्र’ साबित हो सकता है. एसोचैम के नये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 6:35 PM

नयी दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के साथ ही उद्योग मंडल एसोचैम ने विपक्षी दलों से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने में मदद करने की अपील की है. एसोचैम का कहना है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में जीएसटी भारत के लिये ‘ब्रह्मास्त्र’ साबित हो सकता है. एसोचैम के नये अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने आज यहां अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के लिहाज से जीएसटी ‘ब्रह्मास्त्र’ का काम कर सकता है. सभी दलों के सांसदों को बिना देरी के इस संविधान संशोधन विधेयक को पारित करना चाहिये.” कनोरिया ने कहा, ‘‘जीएसटी के पारित होने से दुनिया में निवेशकों को मजबूत संकेत जायेगा कि गंभीर वैश्विक संकट के बावजूद मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ सकती है.

” उन्होंने कहा कि इस समय अर्थव्यवस्था में मांग सुस्त चल रही है.पेरिस में आतंकी हमले के बाद से भू-राजनीतिक परिस्थितियां अनिश्चित बनीं हुई हैं, दूसरी तरफ वैश्विक बाजार में उपभोक्ता जिंसों के दाम में भारी गिरावट आई है. कनोरिया ने कहा कि जीएसटी के आने से अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में कई तरह के करों से छुटकारा मिलेगा और उत्पादन की लागत कम होगी। इसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा. महंगाई पर भी अंकुश लगेगा. इससे भी बडी बात यह होगी कि जीएसटी के पारित होने से राजनीतिक एकता और राष्ट्रीय हित के लिये आगे बढकर इच्छाशक्ति देखने को मिलेगी. कनोरिया ने कहा कि जीएसटी के समय पर पारित होने से देश की जीडीपी में एक से डेढ प्रतिशत की वृद्धि होगी और यह मौजूदा 7.3 प्रतिशत से बढकर 9 प्रतिशत तक जा सकती है.

देश की आर्थिक वृद्धि के बारे में कनोरिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 से 7.3 प्रतिशत के दायरे में बढ सकती है. ‘‘इस साल जीडीपी वृद्धि 7.5 प्रतिशत से कम रहेगी. अगले वित्त वर्ष (2016-17) में यह 7.5 से 8 प्रतिशत और उससे अगले साल इसमें 9 प्रतिशत वृद्धि हासिल कर सकती है.” हालांकि, यह सब कई चीजों पर निर्भर करेगा। सरकार को इससे पहले कई काम करने होंगे.
कनोरिया ने एसोचैम की मंगलवार को हुई 95वीं वार्षिक आम बैठक के मौके पर उद्योग मंडल के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला. उन्होंने राणा कपूर का स्थान लिया। संदीप जजोडिया एसोचैम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और वेद जैन उपाध्यक्ष चुने गये हैं. कनोरिया ने कहा कि जीएसटी में अतिरिक्त एक प्रतिशत शुल्क की व्यवसथा नहीं होनी चाहिये. जीएसटी के जरिये पूरे देश को एक साझा बाजार बनाया जाना चाहिये. उनहोंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से अपील की कि वह राष्ट्रहित में आगे बढकर जीएसटी विधेयक का समर्थन करे और इसे राज्यसभा में पारित करे. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अथवा किसी अन्य पार्टी की यदि कोई खास चिंता है तो सरकार को उसका निदान करना चाहिये. समस्या के हल में हमेशा कोई न कोई बीच का रास्ता होता है.’
‘ ढांचागत परियोजनाओं के वित्तपोषण, सलाहकार सेवा, कलपुजों के वित्तपोषण में काम करने वाली कंपनी एसआरईआई से जुडे कनोरिया ने कहा कि देश के समक्ष युवाओं को रोजगार उपलब्ध करान बडी चुनौती है. हर महीने दस लाख युवा कार्यबल में शामिल हो रहे हैं. इसके लिये कारोबार सुगमता बढानी होगी. बेहतर मूलभूत सुविधायें खडी करनी होंगी और सस्ती दरों पर कर्ज उपवलब्धता बडी जरुरत है. चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि के सरकार के अनुमान को हासिल करने पर उनहोंने कहा कि इस साल यह मुश्किल लगता है. उन्होंने कहा सबसे पहले आर्थिक सुनामी के प्रभाव को दूर करने की जरुरत है. कृषि क्षेत्र में सुधारों को बढाना होगा. भूमि अधिग्रहण क्षेत्र में चीजों को स्पष्ट करना होगा.

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