सरकार को स्वर्ण बांडों से मिले 246 करोड़ रुपये मिले
नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि स्वर्ण बांड योजना में खुदरा निवेशकों ने ‘बहुत रचि’ दिखाई है और उसे 246 करोड रुपये मूल्य के 63,000 से आवेदन मिले हैं. वहीं अब तक ‘ढीली’ रही स्वर्ण मौद्रिकरण योजना में बदलाव किया गया है. वित्त मंत्रालय के बयान में स्वर्ण बांड योजना के बारे में […]
नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि स्वर्ण बांड योजना में खुदरा निवेशकों ने ‘बहुत रचि’ दिखाई है और उसे 246 करोड रुपये मूल्य के 63,000 से आवेदन मिले हैं. वहीं अब तक ‘ढीली’ रही स्वर्ण मौद्रिकरण योजना में बदलाव किया गया है. वित्त मंत्रालय के बयान में स्वर्ण बांड योजना के बारे में कहा गया है,‘ इस योजना को लेकर देश भर के निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. शुरुआती आंकडों के अनुसार 917 किलो सोना खरीदने के लिए 246.20 करोड रुपये के बैंकों व डाकघरों के माध्यम से लगभग 63000 आवेदन आए हैं.’ उल्लेखनीय है कि सरकार ने 5-20 नवंबर के दौरान बैंकों व डाकघरों के जरिए स्वर्ण बांड बेचे थे. आवंटन 30 नवंबर को होगा. बयान के अनुसार पहली खेप के प्रति खुदरा निवेशकों ने ‘बहुत अच्छी रुचि’ दिखाई.
वहीं स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के बारे में बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत सोना जमा कराने वालों को आयकर व पूंजी लाभ कर से छूट दी जाएगी. बयान के अनुसार इस योजना को लेकर ‘धीमी प्रतिक्रिया’ के बाद शेयरधारकों के साथ परामर्श के बाद सरकार ने‘ इस योजना की पहुंच बढाने के लिए’ सात फैसले किये हैं. इन फैसलों के तहत सोना जमा कराने वाले अपना सोना सीधे रिफाइनर को दे सकते हैं. इसके साथ ही जमाकर्ताओं में जागरुकता बढाने के लिए कदम उठाये जाएंगे. इस उद्देश्य से प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, रेडियो व टेलीविजन पर अभियान चलाया जाएगा.
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने रिफाइनर के लिए लाइसेंसिंग शर्तों में संशोधन किया है जिससे लाइसेंसशुदा स्वर्ण रिफाइनरों की संख्या बढकर 20 होने की संभावना है. बयान में इस दिशा में उठाये गये अन्य कदमों का ब्यौरा भी दिया गया है. इस 18 नवंबर तक स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के तहत केवल 400 ग्राम सोना आया है. देश में 52 लाख करोड रुपये मूल्य का 20,000 टन से अधिक सोना परिवारों व संस्थानों में बेकार पडा है.’
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