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राजकोषीय घाटा अप्रैल-अक्तूबर में बजट अनुमान के 74 % के बराबर

नयी दिल्ली: केंद्र का राजकोषीय घाटा, चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में पूरे साल के बजट अनुमान के 74 प्रतिशत या 4.11 लाख करोड रुपये के स्तर पर पहुंच गया.इस साल अप्रैल-अक्तूबर में राजकोषीय स्थिति पिछले साल से बेहतर है जबकि इसी अवधि राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 89.6 प्रतिशत के बराबार पहुंच […]

नयी दिल्ली: केंद्र का राजकोषीय घाटा, चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में पूरे साल के बजट अनुमान के 74 प्रतिशत या 4.11 लाख करोड रुपये के स्तर पर पहुंच गया.इस साल अप्रैल-अक्तूबर में राजकोषीय स्थिति पिछले साल से बेहतर है जबकि इसी अवधि राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 89.6 प्रतिशत के बराबार पहुंच गया था. वर्ष 2015-16 के बजट में राजकोषीय घाटा – सरकारी व्यय और आय के बीच का अंतर – 5.55 लाख करोड रुपये रहने का अनुमान है.

लेखा महानियंत्रण द्वारा जारी आंकडों के मुताबिक आलोच्य अवधि में कर राजस्व 4.28 लख करोड रुपये रहा जो पूरे साल के लिए अनुमानित 9,19,842 करोड रुपये का 46.6 प्रतिशत हैचालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में सरकार की राजस्व और गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 6.10 लाख करोड रुपये रही.सरकार को मार्च 2016 के अंत तक कुल 12.21 करोड रुपये की प्राप्ति का अनुमान है.
समीक्षाधीन अवधि में सरकार का योजना व्यय 2.70 लाख करोड रुपये रहा जो कुल वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 58.2 प्रतिशत है.पिछले साल की इसी अवधि में सरकार ने योजना व्यय अनुमान का 46.4 प्रतिशत खर्च कर लिया था.अप्रैल-अक्तूबर 2015-16 के दौरान गैर योजना व्यय 7.50 लाख करोड रुपये रहा जो पूरे साल के अनुमान का 57.2 प्रतिशत है.कुल व्यय :योजना एवं गैर योजना: 10.21 लाख करोड रुपये रहा जबकि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 17.77 लाख करोड रुपये के खर्च का अनुमान रखा है.
समीक्षाधीन सात महीने के दौरान राजस्व घाटा 2.87 लाख करोड रुपये या 2015-16 के बजट अनुमान के 72.9 प्रतिशत के बराबर है.सरकार ने 2015-16 के लिए राजकोषीय घाटा 5.55 लाख करोड रुपये या सकल घरेलू उत्पाद के 3.9 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है.वित्त वर्ष 2014-15 में राजकोषीय घाटा 5.01 लाख करोड रुपये या सकल घरेलू उत्पाद के चार प्रतिशत के बराबर रखा गया था जबकि संशोधित अनुमान के मुताबिक यह 4.1 प्रतिशत था.

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