योग-ध्यान से स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च 43 प्रतिशत कम हो सकता है : स्टडी

ह्यूस्टन: एक नये अध्ययन में यह बात सामने आई है कि योग, ध्यान एवं प्रार्थना जैसी गतिविधियों को अपनाने से आम स्वास्थ्य सेवाओं की जरुरत 50 प्रतिशत तक घट जाती है.हार्वर्ड से संबद्ध मैसाच्युसेट जनरल हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नोलॉजी एसेसमेंट और बेंसन-हेनरी इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, ‘‘विश्राम की एक प्रक्रिया या शांत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2015 3:46 PM

ह्यूस्टन: एक नये अध्ययन में यह बात सामने आई है कि योग, ध्यान एवं प्रार्थना जैसी गतिविधियों को अपनाने से आम स्वास्थ्य सेवाओं की जरुरत 50 प्रतिशत तक घट जाती है.हार्वर्ड से संबद्ध मैसाच्युसेट जनरल हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नोलॉजी एसेसमेंट और बेंसन-हेनरी इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, ‘‘विश्राम की एक प्रक्रिया या शांत रहने की एक शारीरिक स्थिति न केवल तनाव और चिंता को कम करने में मददगार होती है बल्कि हृदय गति और रक्त प्रवाह पर भी प्रभाव डालती है.’ जेम्स ई. स्टाह्ल ने बताया कि उनके अध्ययन में प्रारंभिक तौर पर यह तथ्य सामने आया कि जो मरीज इस तरह की विश्राम स्थितियों के कार्यक्रम का पालन करते हैं उनके स्वास्थ्य सेवाओं के प्रयोग करने में नाटकीय रुप से कमी आ सकती है.

उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम स्वास्थ्य स्थितियों को बेहतर बनाते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं के संसाधनों पर बढते बोझ को कम करते हैं, वह भी कम लागत और बिना किसी जोखिम के.यह अध्ययन वर्ष 2006 से 2014 के बीच बीएसआई रिलैक्सेशन रिजिलियंसी प्रोग्राम में भाग लेने वाले व्यक्तियों के डेटा और पार्टनर्स हेल्थकेयर के रिसर्च पेंशेंट डेटा रजिस्टरी के उपलब्ध डेटा के तुलनात्मक विश्लेषण पर आधारित है.शोधार्थी अंत में इस नतीजे पर पहुंचे कि योग, ध्यान और प्रार्थना करने वाले लोग अपेक्षाकृत स्वास्थ्य सेवाओं का कम प्रयोग करते हैं बजाय उनके जो इन विधियों को नहीं अपनाते

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