GST : NCP, BJD सहमत, कांग्रेस का बदलाव को लेकर दबाव
नयी दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और बीजू जनता दल (बीजेडी) ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को संसद में पारित कराने पर जोर दिया है जबकि कांग्रेस इस महत्वपूर्ण विधेयक में बदलाव को लेकर अपनी मांग पर अड़ी है. हालांकि, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ इस मुद्दे पर […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
December 4, 2015 10:39 PM
नयी दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और बीजू जनता दल (बीजेडी) ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को संसद में पारित कराने पर जोर दिया है जबकि कांग्रेस इस महत्वपूर्ण विधेयक में बदलाव को लेकर अपनी मांग पर अड़ी है. हालांकि, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ इस मुद्दे पर अनौपचारिक बातचीत को पार्टी ने अच्छी शुरुआत बताया.
एनसीपी की सुप्रिया सुले और बीजेडी के जे पांडा ने जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक का रास्ता रोकने के लिये कांग्रेस की आलोचना की है वहीं मुख्य विपक्षी दल के नेता ज्यातिरादित्य सिंधिया ने जीएसटी का रास्ता रकने का पूरा दोष सरकार पर मढा है. कांग्रेस जीएसटी मामले में संविधान संशोधन विधेयक में 18 प्रतिशत कर दर की सीमा का उल्लेख करना चाहती है और अंतर राज्यीय बिक्री कर के मामले में एक प्रतिशत अतिरिक्त कर प्रस्ताव को हटाने के पक्ष में है.
कांग्रेस के एक अन्य मांग है कि विधेयक में विवाद निपटान प्रणाली होनी चाहिये. संप्रग सरकार के मूल विधेयक में जीएसटी विवाद निपटान प्राधिकरण का प्रस्ताव किया गया था. एचटी लीडरशिप शिखर सम्मेलन में सिंधिया ने कहा कि वर्तमान जीएसटी विधेयक संप्रक सरकार के मूल विधेयक का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. उन्होंने इसमें विवाद के निपटाने के लिये एक स्वतंत्र तीसरा पक्ष रखे जाने पर जोर दिया. सूले और पांडा ने कहा कि विपक्ष को हालांकि अपनी भूमिका निभानी चाहिये, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा ही विधेयकों का रास्ता रोके.
पांडा ने सिंधिया से कहा कि वह कांग्रेस की इस मांग का समर्थन करते हैं कि एक प्रतिशत अतिरिक्त कर प्रस्ताव छोड दिया जाना चाहिये लेकिन वह संविधा में 18 प्रतिशत दर का उल्लेख किये जाने की कांग्रेस की मांग से असहमत हैं. सुले ने पांडा का समर्थन करते हुये कहा कि पिछले कुछ समय से संसद में यही हो रहा है और इसके पीछे विधेयक को रोकने का प्रयास ही दिखाई देता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें जीएसटी चाहिये. हम इस एक प्रतिशत पर बेशक काम कर सकते हैं.” हालांकि, सिंधिया ने इससे इनकार किया और कहा कि वह विधेयक को नहीं रोक रहे हैं.
परिचर्चा के दौरान, सिंधिया बार बार कथित असहिष्णुता को लेकर सरकार पर निशाना साधते रहे जबकि पांडा का मानना था कि इसमें एक खास समय के दौरान चुनींदा घटनाओं को जिक्र किया जा रहा है. सुले का कहना था कि ‘‘असहिष्णुता” शब्द का इस्तेमाल ठीक नहीं है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक में 18 प्रतिशत दर की सीमा का उल्लेख चाहती है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का संविधा में इसे शामिल करने में हिचकिचाहट दिखाना ही इसके समाधान में रकावट है. कमलनाथ ने कहा, ‘‘हम जीएसटी का समर्थन करते हैं. हम बेहतर जीएसटी चाहते हैं.
हमें घिसटने वाला जीएसटी नहीं चाहिये. हम संवैधानिक प्रावधान पर जोर देंगे. भाजपा इसमें क्यों हिचकिचा रही है … इसमें यही बाधा है.” कमल नाथ ने ‘इंडिया टुडे टीवी के टु दि पांइट कार्यक्रम’ में करन थापर के साथ साक्षात्कार में यह बात कही. एक सवाल के जबाब में नाथ ने कहा कांग्रेस 18 प्रतिशत कर की दर पर जोर नहीं दे रही है, इसे कम रखा जा सकता है बल्कि कांग्रेस यह सीमा रखना चाहती है और इसलिये वह संविधान संशोधन पर जोर दे रही है.
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