बैंक लाइसेंस नीति को उदार बनाने के पक्ष में है रिजर्व बैंक

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज बैंक लाइसेंस नीति को उदार बनाने की वकालत करते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो इससे नई कंपनियों के प्रवेश के रास्ते में अड़चन आ सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता प्रभावित होंगे. रिजर्व बैंक ने बैंकिंग क्षेत्र के वार्षिक रझान एवं प्रगति पर रिपोर्ट 2012-13 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2013 6:29 PM

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज बैंक लाइसेंस नीति को उदार बनाने की वकालत करते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो इससे नई कंपनियों के प्रवेश के रास्ते में अड़चन आ सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता प्रभावित होंगे.

रिजर्व बैंक ने बैंकिंग क्षेत्र के वार्षिक रझान एवं प्रगति पर रिपोर्ट 2012-13 में कहा है, ‘‘नियामकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका नियामकीय रख संस्थानों के प्रवेश या बाहर निकलने के रास्ते में अड़चन न बने. इससे अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं पर अवांछित बोझ पड़ेगा.’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बजाय नियमन संस्थानों पर इस तरह के अंकुश लगाने वाले होने चाहिए जिससे किसी तरह की नैतिकता की समस्या न हो. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक नए बैंक लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में है. उसे कुल 26 इकाइयों से बैंक खोलने के लिए आवेदन मिले हैं.

रिजर्व बैंक द्वारा नए बैंक लाइसेंस जनवरी, 2014 में जारी किए जाने की उम्मीद है.

रिजर्व बैंक ने कहा कि उसके एक परिचर्चा पत्र में नए बैंकों के नियमित अधिकरण तथा बड़े शहरी सहकारी बैंकों को व्यावसायिक बैंकों में बदलने की संभावना तलाशने को कहा गया है. बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों में टाटा समूह, अनिल अंबानी तथा कुमार मंगलम बिड़ला के नियंत्रण वाली इकाइयां भी शामिल है. सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में भारतीय डाक, एलआईसी होम फाइनेंस और आईएफसीआई ने बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया है.

सूक्ष्म वित्त संस्थान मसलन बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज तथा जनलक्ष्मी फाइनेंशियल ने भी बैंक खोलने की इच्छा जताई है.

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