नयी दिल्ली: क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट जारी है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के कीमतों में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है. ओपेक की बैठक के बाद तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन में कटौती नहीं करने का फैसला किया है ओपेक के इस निर्णय का असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ रही है.
आर्थिक मंदी के बाद पहली बार तेल की कीमतों में इतना गिरावट देखने को मिल रही है. विश्लेषकों का मानना है कि अगले कई सप्ताह तक तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहेगी.फरवरी 2009 के बाद सबसे निचला स्तर बताया जा रहा है.भारतीय बास्केट में कच्चा तेल की कीमत 5 प्रतिशत गिरकर 2572.73 रुपए प्रति बैरल पर आ गया.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोमवार को कच्चे तेल छह फीसदी लुढ़ककर सात साल के निचले स्तर पर आ गया. भारत में भी पेट्रोल -डीजल के दामों में गिरावट देखने को मिल सकती है.विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 37.50 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर पर पहुँच गई है. ओपेक के बैठक में तेल के उत्पादन नहीं घटाने का फैसला लिया गया है. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की एक बड़ी वजह बनती जा रही है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.