औद्योगिक उत्पादन 5 साल के टॉप पर, मेक इन इंडिया ने पकड़ी रफ्तार
नयी दिल्ली : त्यौहारी मौसम के दौरान उपभोक्ता उत्पादों और पूंजीगत सामानों की बढी मांग की बदौलत अक्तूबर माह में औद्योगिक उत्पादन में 9.8 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गयी. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संशोधित आंकडों के अनुसार सितंबर 2015 में औद्योगिक वृद्धि 3.84 प्रतिशत रही जबकि प्रारंभिक आंकडों में इसे 3.6 प्रतिशत […]
नयी दिल्ली : त्यौहारी मौसम के दौरान उपभोक्ता उत्पादों और पूंजीगत सामानों की बढी मांग की बदौलत अक्तूबर माह में औद्योगिक उत्पादन में 9.8 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गयी. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संशोधित आंकडों के अनुसार सितंबर 2015 में औद्योगिक वृद्धि 3.84 प्रतिशत रही जबकि प्रारंभिक आंकडों में इसे 3.6 प्रतिशत बताया गया था.
पिछले साल अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 2.7 प्रतिशत घटा था. औद्योगिक उत्पादन में अहम् योगदान रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में अक्तूबर माह में 10.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई. विद्युत उत्पादन में 9 प्रतिशत और खनन क्षेत्र में 4.7 प्रतिशत वृद्धि हुई. केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) की ओर से आज जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक अक्तूबर में यह 181.3 अंक रहा जो कि पिछले वर्ष अक्तूबर के मुकाबले 9.8 प्रतिशत उंचा है. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्तूबर के दस महीनों में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 4.8 प्रतिशत रही.
सीएसओ आंकडों के मुताबिक टिकाउ उपभोक्ता सामानों के वर्ग में अक्तूबर में 42.2 प्रतिशत की जबर्दस्त वृद्धि रही जबकि उपभोक्ता सामान की श्रेणी में एक साल पहले के मुकाबले इस साल अक्तूबर में 18.4 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि रही। गैर-टिकाउ उपभोक्ता सामानों में भी इस दौरान 4.7 प्रतिशत वृद्धि की गई. आईआईपी आंकडों के अनुसार अक्तूबर में पूंजीगत सामानों के वर्ग में 16.1 प्रतिशत जबकि प्राथमिक वस्तुओं के उद्योग में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि रही. अक्तूबर 2015 में एक साल पहले इसी माह के मुकाबले जिन अन्य क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई उनमें रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में 372.5 प्रतिशत, चीनी मशीनरी 103.4 प्रतिशत, मोबाइल फोन और दूसरी सहायक वस्तुओं सहित टेलीफोन कलपुर्जे में 61.5 प्रतिशत, एंटीबायटिक्स और इसके उत्पादों में 38.5 प्रतिशत और यात्री कारों में 21.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई.
औद्योगिक उत्पादन आंकडों पर संतोष जताते हुये इंजीनियरिंग निर्यातकों के संगठन ईईपीसी इंडिया ने आज कहा कि इसी तरह की वृद्धि निर्यात क्षेत्र में भी लाने की जरुरत है. आंकडों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के कुल 22 उद्योग समूहों में से अक्तूबर में 17 में वृद्धि दर्ज की गई. फर्नीचर विनिर्माण समूह में इस दौरान सबसे अधिक 138.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि कार्यालय, लेखा और गणना मशीनरी में 48.4 प्रतिशत और रेडियो, टीवी और दूरसंचार उपकरणों में 47.5 प्रतिशत वृद्धि रही. इसके विपरीत जिन औद्योगिक क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई उनमें प्रकाशन, छपाई तथा रिकार्डिड मीडिया के पुन:उत्पादन क्षेत्र में सबसे ज्यादा 10.2 प्रतिशत गिरावट रही। इसके बाद चिकित्सा, निवारण और आप्टिकल उपकरणों, घडियों और दीवार घडी में 6.8 प्रतिशत तथा रिफान्ड पेट्रोलियम उत्पादों और परमाणु ईंधन में 2.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई
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