नयी दिल्ली: भारत और जापान के बीच कल होने वाले उस समग्र साझेदारी समझौते के तहत मुंबई से अहमदाबाद के बीच पहली ट्रेन सेवा के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा जिस पर कल हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है.रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ‘एजेंडा आजतक’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘सिर्फ एक दिन इंतजार कीजिये. जापानी प्रधानमंत्री (शिंजो आबे) आ रहे हैं, वह हमारे प्रधानमंत्री से समग्र साझेदारी समझौते को लेकर बातचीत करेंगे जिसमें कई मुद्दों का निवारण होगा.” उनसे सवाल किया गया था कि क्या कल बुलेट ट्रेन परियोजना का ऐलान होगा.
प्रभु ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना ‘अलग वर्ग के लिए होगी जो इसके उपयोग के लिए भुगतान करेंगे. ‘ जापान की भूमिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि यह देश भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के साथ ही रेलवे के अनुसंधान एवं डिजाइन संबंधी क्षमता के निर्माण में मदद करेगा ताकि भविष्य की चुनौतियों का निवारण हो सके.
प्रभु ने कहा, ‘‘कई मुद्दे हैं जिनकी लंबी समय से उपेक्षा की गई है और इससे (समझौता) उनका निदान होगा। इन मुद्दों में सुरक्षा, अनुसंधान और कुछ विशेष परियोजना :बुलेट ट्रेन: शामिल होंगी.” प्रस्तावित समझौते के अनुसार जापान इस परियोजना पर आने वाली लागत का 81 फीसदी रियायती दर पर कर्ज देगा. मुंबई और अहमदाबाद के बीच के 503 किलोमीटर के कोरिडोर की इस परियोजना पर 98,000 करोड रुपये की लागत का अनुमान है.उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने कुछ वर्षों के दौरान 8-9 लाख करोड रुपये का निवेश विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए किया. भारत को भी रेल के बुनियादी ढांचे का कायाकल्प करने के लिए पैसे की जरुरत है.
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