नयी दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों मेंबीते सप्ताह 12फीसद की गिरावट आई है और यह 11 सालके पुरानेस्तर पर आ चुका है. इसके साथ ही भारतीय बास्केट में इसके8 फीसदी से ज्यादा गिरने के कारण तेल विपणन कंपनियांआज पेट्रोल-डीजल के दाम तीन से चार रुपये तक घटा सकती हैं. जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है.
ऑयल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों की हर पखवाड़े समीक्षा करती हैं. पिछले पखवाड़े अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमत और डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर के आधार पर अगले 15 दिन के लिए पेट्रोल-डीजल के मूल्य निर्धारित किये जाते हैं. ऑयल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट का आज रिव्यू करेंगी. इसके बाद उपभोक्ताओं को राहत मिलने के आसार हैं.
गौर हो कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज लगाकर 74 हजार करोड़ रुपये कमाये हैं. केंद्र में मोदी सरकारलगभग 18 महीनेसेसत्ता में है और इस दौरान क्रूड ऑयल 57फीसद सस्ता हुआ है. लेकिन 18 महीने में सरकार की कमाई पेट्रोल पर 101फीसद और डीजल पर 200फीसद बढ़ी है. दरअसल, सरकार ने पांच बार पेट्रोल-डीजल पर ड्यूटी बढ़ाई है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 2014-15 में 74 हजार करोड़ रुपयेकमाए है, जो बीते साल के मुकाबले 50फीसद ज्यादाहै. अब सरकार एक्साइज ड्यूटी न बढ़ाए तोउपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है.
उधर, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 26 नवंबर को समाप्त पखवाड़े में भारतीय बास्केट में कच्चा तेल की औसत कीमत 41.17 डॉलर प्रति बैरल रही थी जो गुरुवार को घटकर 36.65 डॉलर प्रति बैरल पर आ गयी. लंदन में 30 नवंबर को ब्रेंट क्रूड 45 डॉलर प्रति बैरल था जो शुक्रवार को लगभग 38 डॉलर प्रति बैरल तक उतर गया. हालांकि, इस दौरान डॉलर की तुलना में रुपया 0.31फीसद कमजोर हुआ है, लेकिन कच्चा तेल की गिरावट इससे कई गुणा ज्यादा है. इससे तेल विपणन कंपनियों के पास पेट्रोल तथा डीजल के दाम में कम से कम तीन से चार रुपये तक कटौती का अवसर है.
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