देश के सौ स्टेशनों पर चालू हो जायेगी वाई-फाई: पिचाई

नयी दिल्ली : प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल अगले साल तक देश के 100 रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट संपर्क सुगम बनाने के लिए वाई-फाई की व्यवस्था चालू कर देगी. यह बात आज कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुंदर पिचाई ने कही.अमेरिका की यह कंपनी की भारत में सब तक इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के प्रयासों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2015 10:09 AM

नयी दिल्ली : प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल अगले साल तक देश के 100 रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट संपर्क सुगम बनाने के लिए वाई-फाई की व्यवस्था चालू कर देगी. यह बात आज कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुंदर पिचाई ने कही.अमेरिका की यह कंपनी की भारत में सब तक इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के प्रयासों पर ध्यान दे रही है और यह परियोजना उसी का हिस्सा है. इसे रेलवे के उपक्रम रेलटेल के साथ मिल कर लागू किया जा रहा है.

पिचाई ने ‘गूगल फॉर इंडिया’ समारोह में कहा, ‘‘दिसंबर 2016 तक 100 स्टेशनों में वाई-फाई की सुविधा होगी. मुंबई सेंट्रल (स्टेशन) पर वाई-फाई की सुविधा आगामी जनवरी से चालू हो जाएगी. यह रेलवे मंत्रालय के उपक्रम रेलटेल के साथ भागीदारी में किया जा रहा है.”

भारतीय रेल की दूरसंचार इकाई, रेलटेल ने गूगल इंडिया की अनुषंगी इकाई के साथ समझौता किया है जिसके तहत देश भर के 400 स्टेशन में वाई-फाई की व्यवस्था की जायेगी. पिचाई अपनी दो दिन की भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. वह दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज के छात्रों को भी संबोधित करेंगे.

भारत में जन्मे गूगल के सीईओ पिचाई ने कहा, ‘‘हमारा जोर सभी तक इंटरनेट पहुंचाना है, यह सुनिश्चित करना है कि हमारे उत्पाद उनके लिए सार्थक हों और हमारा प्लेटफार्म इंटरनेट तक उन्हें अपनी आवाज पहुंचाने की अनुमति दे.” उन्होंने कहा कि कंपनी भारत में खासकर इंजीयरिंग के काम के लिए अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ा रही है.

पिचाई ने कहा, ‘‘गूगल बेंगलूर और हैदराबाद के लिए नियुक्ति की योजना बना रही है.हम क्षमता के विकास के लिए हैदराबाद में एक बडा परिसर बनायेंगे.” उन्होंने कहा कि महिलाओं को अॅानलाइन पहुंच में मदद के गूगल के प्रयास के तहत कंपनी अपने कार्यक्रम का देश भर में विस्तार कर रही है. पिचई ने कहा, ‘‘पायलट परियोजना के बाद हम अगले तीन साल में कार्यक्रम का विस्तार कर इसके दायरे में तीन लाख गांवों को लायेंगे.”

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