2015-16 में 7-7.5 प्रतिशत रहेगी आर्थिक वृद्धि दर

नयी दिल्ली : सरकार ने आज 2015-16 के लिए अपना आर्थिक वृद्धि का अनुमान 8.1-8.5 प्रतिशत से घटाकर 7-7.5 प्रतिशत कर दिया लेकिन कहा कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेंगे. सरकार का कहना है कि सार्वजनिक उपक्रम की हिस्सेदारी की बिक्री से होने वाली आय लक्ष्य से कम भले ही रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 1:17 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने आज 2015-16 के लिए अपना आर्थिक वृद्धि का अनुमान 8.1-8.5 प्रतिशत से घटाकर 7-7.5 प्रतिशत कर दिया लेकिन कहा कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेंगे. सरकार का कहना है कि सार्वजनिक उपक्रम की हिस्सेदारी की बिक्री से होने वाली आय लक्ष्य से कम भले ही रहे पर इसकी भरपाई कर-राजस्व में वृद्धि से हो जायेगी.

सरकार की ओर से आज संसद में प्रस्तुत मध्यावधि आर्थिक विश्लेषण रपट में वित्त मंत्रालय ने है कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.9 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य पर वह कायम है. पर अगले साल इसे घटाकर 3.5 प्रतिशत करने के लक्ष्य की चुनौती कड़ी होगी क्योंकि वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन से केंद्र के खजाने पर दबाव बढेगा.

रपट में कहा गया है, ‘‘जो चुनौतियां हैं .. उनके मद्देनजर हमारा अनुमान है कि इस साल वस्ताविक आर्थिक वृद्धि 7.7.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी.’ जबकि खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के करीब छह प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में ही रहेगी.

संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार और इस समीक्षा के लेखक अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है लेकिन इस सुधार की शक्ति और दायरे का अभी बिल्कुल सुनिश्चित आकलन करना मुश्किल है. एक वजह है कि अर्थव्यवस्था मिले-जुले संकेत भेज रही है और दूसरे सकल घरेलू उत्पाद के जो आंकड़े आये हैं उसकी व्याख्या को लेकर अनिश्चितता है.’

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