एच-1बी वीजा के लिए देना होगा 8,000 डालर से अधिक शुल्क

वाशिंगटन : लगभग सभी भारतीय आईटी कंपनियों को अगले साल एक अप्रैल से अमेरिका से एच-1बी वीजा पाने के लिए 8,000 से 10,000 डालर का भुगतान करना होगा. इससे इन कंपनियों के लिए वीजा शुल्क लेना काफी महंगा हो जायेगा. भारतीय आईटी कंपनियों पर न केवल 4,000 डालर का नया शुल्क लगाया गया है, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2015 3:37 PM

वाशिंगटन : लगभग सभी भारतीय आईटी कंपनियों को अगले साल एक अप्रैल से अमेरिका से एच-1बी वीजा पाने के लिए 8,000 से 10,000 डालर का भुगतान करना होगा. इससे इन कंपनियों के लिए वीजा शुल्क लेना काफी महंगा हो जायेगा. भारतीय आईटी कंपनियों पर न केवल 4,000 डालर का नया शुल्क लगाया गया है, बल्कि कई अन्य शुल्क अमेरिकी कांग्रेस ने एच-1बी वीजा आवेदन में जोड़ दिये हैं जिससे वीजा शुल्क करीब दोगुना हो गया है. सनद रहे कि मूल रुप से एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क महज 325 डालर है.

मार्च, 2005 से इसमें रोकथाम एवं पहचान शुल्क के तौर पर 500 डालर और जोड़ दिये गये. इसके अलावा, नियोक्ता प्रायोजन शुल्क भी लगाया गया जिसके तहत 25 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को प्रति वीजा आवेदन 1500 डालर का भुगतान करना पड़ता है. जिन कंपनियों में 25 से कम कर्मचारी हैं उन्हें इसकी आधी यानी 750 डालर का शुल्क देना होता है. यह राशि अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए जुटाई जाती है.

ओबामा ने आज जिस एकीकृत विनियोजन विधेयक 2016 पर हस्ताक्षर किये हैं उसके मुताबिक जिन आईटी कंपनियों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं या जिन कंपनियों के 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी एच1बी वीजा अथवा एल1 वीजा धारक है उन्हें प्रत्येक एच-1बी वीजा आवेदन के लिए 4,000 डालर अतिरिक्त भुगतान करना होगा. एल1वीजा के मामले में यह राशि 4,500 डालर होगी. इसके अलावा प्रीमियम प्रसंस्करण शुल्क 1,225 डालर भी देना होगा.

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