नयी दिल्ली :सरकार की काला धन पर लगाम लगाने की पहलों के मद्देनजर मार्च 2014 से अब तक 16,000 करोड की अघोषित आय का पता चला है जबकि 1,200 करोड रुपये की परिसंपत्ति जब्त की गयी है. यह बात आज राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कही. उन्होंने कहा, ‘2014-15 से 2015-16 (नवंबर तक) के बीच आयकर विभाग ने अपनी प्रवर्तन पहलों के जरिए 16,000 करोड रुपये से अधिक अघोषित राशि का पता लगाया और 1,200 करोड रुपये की परिसंपत्ति जब्त की.’ उन्होंने कहा, ‘अभियोजन पक्ष ने सितंबर 2015 तक 774 मामले दर्ज किये.’ उन्होंने कहा कि इन पहलों में अघोषित राशि के मामले में पाक-साफ होने के संबंध में 90 दिन की विशेष सुविधा शामिल है जिनके तहत 4,160 करोड़ रुपये से अधिक राशि का खुलासा हुआ ओर सरकार को महीने के अंत तक कर और दंड के तौर पर 2,500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
अधिया ने कहा, ‘मौजूदा सरकार काले धन के मुद्दे पर बेहद गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरण जेटली ने कई बयानों में यह साफ किया है कि यह सरकार काला धन रखने वालों पर कार्रवाई की कोई कोशिश नहीं छोडना चाहती.’ विदेश में जमा गैरकानूनी धन से निपटने के लिए सरकार ने काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं परसंपत्ति) एवं कराधान अधिनियम 2015 लागू किया जिसके तहत सख्त दंड और जेल का प्रावधान है. गैरकानूनी तौर पर विदेश में धन जमा करने वालों को एकमुश्त अनुपालन सुविधा प्रदान की गई ताकि वे 60 प्रतिशत कर और दंड का भुगतान कर नए कानून के प्रावधानों से बच सकें. तीन महीने की अनुपालन सुविधा के तहत कुल मिलाकर 4,160 करोड़ रुपये के 635 खुलासे किये गये.
उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने काला धन अधिनियम के तहत खुलासे किये हैं उनके लिए आयकर अदा करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2015 है. हमें उम्मीद है कि इस साल कर के तौर पर करीब 2,500 करोड़ रुपये मिलेंगे.’ सरकार द्वारा काले धन पर लगाम लगाने संबंधी पहलों के बारे में उन्होंने कहा कि निश्चत सीमा से अधिक धन के हस्तांतरण के लिए पैन मुहैया कराने की अनिवार्यता गैरकानूनी आय कानूनी आय का पता लगाने का जरिया है. इसके अतिरिक्त सरकार ऐसे मामलों में कार्रवाई शुरू करेगी जिनमें निश्चित सूचना मिली है.
अधिया ने कहा, ‘अन्य देशों की सरकारों से निवासी करदाताओं के बोर में और सूचना प्राप्त करने की हमारी कोशिश को 2016 में और बल मिल सकता है.’ इसके अलावा कर संबंधी अंतरराष्ट्रीय सहयोग अब रफ्तार पकड़ रहा है और सूचनाओं के स्वाभाविक आदान-प्रदान पर बहुस्तरीय समझौता अंतिम स्वरुप ले रहा है. अमेरिका के साथ विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (फाटका) पर हुई संधि के तहत भारत को सूचना मिलनी शुरू हो गयी है.
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