नोट पर लिखना पड़ सकता है भारी:रिजर्व बैंक
वाराणसी: भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के. सी. चक्रवर्ती ने आज यहां कहा कि लोगों को नोटों पर कुछ न लिखने के लिए जागरक किया जा रहा है. मगर यह अफवाह गलत है कि पहली जनवरी से बैंक उन नोटों को स्वीकार नहीं करेंगे, जिन पर कुछ लिखा होगा. चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, […]
वाराणसी: भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के. सी. चक्रवर्ती ने आज यहां कहा कि लोगों को नोटों पर कुछ न लिखने के लिए जागरक किया जा रहा है. मगर यह अफवाह गलत है कि पहली जनवरी से बैंक उन नोटों को स्वीकार नहीं करेंगे, जिन पर कुछ लिखा होगा.
चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी कोशिश लोगों में यह जागरकता पैदा करने की है कि वे नोटों पर कुछ न लिखें और उन्हें साफ सुथरा रखें.’’ उन्होंने इसी क्रम में कहा, ‘‘लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए अब यह व्यवस्था की जा रही है कि यदि कोई बैंक कर्मी अपने सामने किसी नोट पर किसी को कुछ लिखते देखता है तो वह उस नोट को लेने से अस्वीकार कर सकता है. यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है कि वह व्यक्ति दोबारा ऐसी गलती न करे.’’ उन्होंने यह जरुर कहा कि पहली जनवरी से लिखावट में काट छांट की गयी होने पर चेक स्वीकार नहीं किये जायेंगे और यह नियम सख्ती से लागू किया जायेगा.
बैंक कर्मियों विशेषतौर पर खजांची को भी सख्त हिदायत दी जा रही है कि वह नोट पर नहीं लिखें.देश में प्लास्टिक के नोट चलाये जाने के बारे में सवाल होने पर चक्रवर्ती ने कहा कि पहले यह नोट प्रयोग के तौर पर चलाये जायेंगे और यदि यह कामयाब रहा तो इसे पूरे देश में चलाया जायेगा. इसमें दो-तीन साल का समय लग सकता है.
बैंक आफ बडौदा के क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन करने यहां आये चक्रवर्ती ने कहा कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने की कोशिश में लगा है. इस मौके पर बैंक ऑफ बडौदा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस. एस. मुंद्रा ने वाराणसी के मिश्रीपुर गांव को बैंक द्वारा गोद लिए जाने की भी घोषणा की.
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