नयी दिल्ली : बीते साल स्मार्टफोन हर गुजरते दिन के साथ और स्मार्ट होते गए जबकि घरेलू कंपनियों व चीन से यहां कदम रखने वाली मोबाइल फर्मों ने स्मार्टफोन बाजार में एप्पल व सैमसंग जैसी दिग्गज कंपनियों को चुनौती देनी जारी रखी. नये साल की बात की जाए तो 4जी सेवाओं पर निगाह रहेगी जो कि हमारे स्मार्टफोन बाजार की दशा व दिशा दोनों बदल सकती हैं.
बीते साल यानी 2015 में भारत वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में बडी ताकत के रुप में उभरा और साल की पहली तनी तिमाहियों में यहां लगभग 7.5 करोड हैंडसेट बिके। मोबाइलों में बिक्री में वृद्धि को आनलाइन बिक्री ने और बल दिया जबकि अनेक कंपनियांे ने केवल इकामर्स वेबसाइटों पर बिक्री के लिए फोन पेश किए. बिक्री में इस मजबूत वृद्धि से भारत वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बडे बाजार के रुप में अमेरिका को पछाड सकता है. घरेलू हैंडसेट कंपनी माइक्रोमैक्स के सह संस्थापक विकास जैन ने पीटीआई भाषा से कहा कि एक श्रेणी के रुप में स्मार्टफोन बिक्री में इस साल शानदार दर से बढोतरी हुई और यह वृद्धि सभी तरह की कीमतों वाले हैंडसेट में रही. आने वाले साल में 4जी सेवाओं के विस्तार के चलते बहुत कुछ घटित होने की उम्मीद है. उन्होंने कहाकि 4जी नेटवर्क के विस्तार से भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल इंटरनेट बाजारों में से एक हो जाएगा.
देश में बिकने वाले कुल स्मार्टफोन में से लगभग 40 प्रतिशत तो पहले ही 4जी प्रौद्योगिकी वाले हैं. जैन ने कहा कि 2018 तक देश में नौ करोड 4जी ग्राहक तथा 18 करोड 4जी स्मार्टफोन होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन की लगातार बढती बिक्री में एक बडा योगदान आनलाइन बिक्री का है. विशेष छूटों व अन्य पेशकशों के साथ केवल आनलाइन उपलब्धता से भी कुल बिक्री में ई-कामर्स के जरिए होने वाली बिक्री का योगदान बढा है. देश में 60 प्रतिशत फोन इस्तेमाल करने वाले अब भी फीचर फोन इस्तेमाल करते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए नये साल में शुरआती स्तर के स्मार्टफोन खंड में काफी कुछ नया घटित हो सकता है क्योंकि कंपनियां इसमें अधिक से अधिक हिस्सा हासिल करना चाहेंगी.
ओप्पो मोबाइल्स इंडिया के सीईओ माइक वांग ने कहा कि वहनीय या किफायती स्मार्टफोन का मौजूदा क्रम आने वाले साल में भी बना रहेगा और कीमतों के लिहाज से मध्यम रेंज के और फोन पेश किए जाएंगे. साल 2016 में लीटीवी जैसे नये ब्रांड भी बाजार में आएंगे. यू टेलीवेंचर्स के संस्थापक राहुल शर्मा के अनुसार आने वाले समय में इस क्षेत्र की वृद्धि के लिहाज से चीजों का सरलीकरण बहुत महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा,‘ प्रासंगिक सेवाओं के जरिए चीजों का सरलीकरण व इन सेवाओं की विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्धता इस वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होगा.
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