संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र ने नए साल की शुरुआत के साथ 2030 तक महत्वाकांक्षी सतत विकास लक्ष्य पेश किए हैं. इनका उद्देश्य अगले 15 में गरीबी, भुखमरी समाप्त करना और सभी के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करते हुए स्त्री-पुरष समानता सुनिश्चित करना है. गरीबी रोधी- सहस्राब्दि विकास लक्ष्य :एमडीजी: का 15 साल का चक्र 2015 के साथ समाप्त हो गया जिससे एसडीजी का रास्ता साफ हुआ और 2030 तक कई तरह की सामाजिक बुराइयां दूर करने के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए गए.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने सितंबर में यहां हुए सम्मेलन में 193 राष्ट्राध्यक्षों और अन्य शीर्ष नेताओं द्वारा अपनाये गए 2030 के सतत विकास के एजेंडे के संबंध में कहा था कि 17 सतत विकास लक्ष्य मानवता के साझा दृष्टिकोण और वैश्विक नेताओं तथा जनता के बीच सामाजिक अनुबंध हैं.” उन्होंने कहा था कि ये लोगों और ग्रह के लिए कार्य सूची है और सफलता का खाका. इस योजना के तहत अगले 15 साल में गरीबी खत्म करने, असमानता से निपटने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 16 लक्ष्य और 169 प्रयोजन तय किए हैं. एसडीजी की सफलता के लिए भारत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि इससे 1.4 अरब भारतीयों का जीवन स्तर सुधरेगा और पूरी मानवता के जीवन स्तर में सुधार को बडा झटका लग सकता है. एसडीजी लागू होने से पहले ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र का बताया था कि यह सरकार द्वारा पेश विभिन्न पहलों के रुप में नए लक्ष्य लागू कर रहा है.
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