आगामी बजट सत्र में पारित हो जायेगा जीएसटी : अरुण जेटली
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज विश्वास व्यक्त किया कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक संसद के आगामी सत्र में पारित हो जायेगा क्योंकि इस दौरान राज्यसभा में अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण सुधार का पक्ष लेने वाले सदस्यों की संख्या बढ जायेगी. उल्लेखनीय है कि इससे पहले संसद के लगातार […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज विश्वास व्यक्त किया कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक संसद के आगामी सत्र में पारित हो जायेगा क्योंकि इस दौरान राज्यसभा में अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण सुधार का पक्ष लेने वाले सदस्यों की संख्या बढ जायेगी.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले संसद के लगातार दो सत्रों में कांग्रेस के विरोध की वजह से राज्यसभा में जीएसटी पारित नहीं हो पाया. जेटली ने कहा, ‘‘संसद का अगला सत्र काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है. अगले सत्र के मध्य तक उच्च सदन में सदस्यों की संख्या का गणित बदलेगा. इसलिए जहां तक अगले सत्र की बात है, इसे लेकर मुझे काफी उम्मीद है कि हम इसे आगे बढ़ाने में कामयाब होंगे.” संसद का बजट सत्र फरवरी के आखिरी सप्ताह में शुरु होगा.
भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षार्थी अधिकारियों को संबोधित करते हुये जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच जीएसटी को लेकर करीब करीब आम सहमति है और ‘‘हर कोई इसका समर्थन करता है.” उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो सत्रों में हंगामे की वजह से यह पारित नहीं हो पाया.” जीएसटी के अमल में आने पर अप्रत्यक्ष क्षेत्र के सभी कर इसमें समाहित हो जायेंगे. उत्पाद शुल्क, सेवाकर और राज्यों का बिक्री कर सभी के लिये एक दर हो जायेगी.
यह विधेयक राज्यसभा में अटका पडा है जहां मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध के चलते यह पारित नहीं हो पाया. संसद के पिछले दो सत्रों के दौरान कांग्रेस ने जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित होने में बाधा खडी की जिससे कि सरकार की इसे एक अप्रैल 2016 से लागू करने की योजना खटाई में पड गई.
जेटली ने कहा कि जीएसटी की अवधारणा सबसे पहले 2006 में सामने आई और उसके बाद सबसे पहले संविधान संशोधन विधेयक 2011 में पेश किया गया. लेकिन तब की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार विधेयक को लेकर आम सहमति कायम नहीं कर पाई थी. उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी में पहले ही काफी देर हो चुकी है. सही मायने में इसे काफी पहले ही आ जाना चाहिये।” उन्होंने कहा कि जीएसटी के अमल में आने पर समूचा भारत एक बडे साझा बाजार में परिवर्तित हो जायेगा. इसके आने के बाद देश में वस्तु एवं सेवाओं का आवागमन आसान हो जायेगा और सकल घरेलू उत्पाद (जीएसटी) वृद्धि और तेज होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्यों के बीच इस मुद्दे पर आम सहमति बनायी गयी. इसके बाद जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को फिर से संसद में लाया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्यों और सभी राजनीतिक समूहों के साथ इस बारे में लगातार विचार विमर्श करता रहूंगा ताकि उच्च सदन में इसे सुरक्षित तरीके से पारित कराया जा सके.” जेटली ने कहा कि संसद में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद तीन और विधेयकों को पारित कराने की जरुरत होगी. इनमें केंद्रीय जीएसटी विधेयक, राज्य जीएसटी विधेयक और एकीकृत जीएसटी विधेयक शामिल है. उन्होंने कहा, ‘‘इन विधेयकों को तैयार कर लिया गया है. जहां तक इन विधेयकों की बात है हम इस मामले में तैयारी पर हैं. इन विधेयक को तब केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा पारित कराया जाना है.”
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.