मुंबई: बंबई शेयर बाजार का मानक सूचकांक आज 537.55 अंक लुढककर 26,000 अंक के नीचे आ गया. सेंसेक्स में यह तीन महीने से अधिक समय की सबसे बडी गिरावट है. चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता तथा पश्चिम एशिया में भूराजनीतिक तनाव के कारण यह गिरावट दर्ज की गयी.
भारी बिकवाली के बीच बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 100 लाख करोड रुपये के आंकडे से नीचे आ गया. इस गिरावट से निवेशकों को 1.54 लाख करोड रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ.घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन 28 महीने के निम्न स्तर पर आने तथा रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी बिकवाली गतिविधियां बढ़ी. लंबे अवकाश के बाद आज खुले एशिया के अन्य बाजारों में भी गिरावट का रख रहा. एक निजी सर्वे में चीन में औद्योगिक उत्पादन में लगातार पांचवें महीने गिरावट की खबर का असर एशियाई बाजारों पर पड़ा. इसके परिणामस्वरुप शंघाई सूचकांक 7.0 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया और उसके बाद कारोबार को रोका गया.
तीस शेयरों वाले सेंसेक्स में पूरे दिन गिरावट रही और अंत में यह 537.55 अंक या 2.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,623.35 अंक पर बंद हुआ. 22 सितंबर के बाद सेंसेक्स का यह न्यूनतम स्तर है.पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स करीब 201 अंक मजबूत हुआ था. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 171.90 अंक या 2.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,791.30 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 7,937.55 से 7,781.10 अंक के दायरे में रहा. इससे पहले, किसी एक दिन में सर्वाधिक गिरावट एक सितंबर को हुई थी. उस दिन निफ्टी में 185.45 अंक की गिरावट दर्ज की गयी थी.
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