नयी दिल्ली : नैस्कॉम ने एयरटेल जीरो और फेसबुक के फ्री बेसिक्सका विरोध किया है. आईटी इंडस्ट्री बॉडी के मुताबिक दोनों प्लान नेट न्यूट्रेलिटी के सिद्धांतो का उल्लंघन कर रहे हैं. इस बारे मेंनैस्काॅम ने टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ट्राई को अपनी राय भेजी है. नैस्कॉम का कहना है कि वह ऐसे किसी भी मॉडल का सर्पोट नहीं करेंगे, जिसमें फेवरेबल रेट और स्पीड मुहैया कराए जाने वाले कॉन्टेंट के चुनाव में टेलिकॉम सर्विसऑपरेटर्स कराने वालों का दखल होगा.
नैस्कॉम ने इस बारे में ट्राई से अपील करते हुए कहा हैकि ऑपरेटर्स को अलग-अलग तरह की सर्विस जैसे विडियो स्ट्रीमिंग, ई-कॉमर्स वेबसाइट एक्सेस करने के लिए अलग-अलग कीमतें नहीं तय की जाएं. अगर ऐसा होगा तो इंटरनेट सेगमेंटिंग काजोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा. ट्राई नेसात जनवरी तक डिफरेंशल डाटा प्राइसिंग पर जनता से राय मांगी है.
एयरटेल द्वारा इंटरनेट आधारित कॉल के लिए अलग से शुल्क लिए जाने के निर्णय के बाद पूरे देश में नेट न्यूट्रेलिटी को लेकर बहस तेज हो गयीहै. हालांकि बाद में एयरटेल ने काफी विरोध के बाद इस योजना को टाल दिया था. इसके बाद फेसबुक ने भी फ्री बेसिक्स सेवा के समर्थन को लेकर जोरदार अभियान चलाया क्योंकि उसे डर था की भारत में इस प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लग सकता है. इसको सफल बनाने के लिए फेसबुक ने अपने ग्राहकों के लिए फ्री इंटरनेट प्लेटफॉर्म की पेशकश के लिए रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ समझौता किया. फेसबुक का तर्क था कि जब तक की डिफरेंशल प्राइसिंग मामले में कोई हल नहीं निकल आए आरकॉम ऐसा ना करे.
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