एनजीटी ने फॉक्सवैगन से कहा, धोखाधडी वाले उपकरण लगे वाहन मत बेचिये
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जर्मनी की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन को भारत में ऐसा कोई डीजल वाहन नहीं बेचने का आज निर्देश दिया, जिसमें ‘धोखाधड़ी करने वाला उपकरण’ लगा हो और इस संदर्भ में कंपनी को हलफनामा देने को कहा. धोखाधड़ी वाला उपकरण डीजल इंजन में एक ऐसा साफ्टवेयर है जो उत्सर्जन […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जर्मनी की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन को भारत में ऐसा कोई डीजल वाहन नहीं बेचने का आज निर्देश दिया, जिसमें ‘धोखाधड़ी करने वाला उपकरण’ लगा हो और इस संदर्भ में कंपनी को हलफनामा देने को कहा.
धोखाधड़ी वाला उपकरण डीजल इंजन में एक ऐसा साफ्टवेयर है जो उत्सर्जन संबंधी परीक्षण के समय वाहन के प्रदर्शन में बदलाव कर गडबड़ी करता है. इसका मकसद परीक्षण परिणाम को बेहतर करना है.
न्यायमूर्ति यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी को निर्देश दिया कि कंपनी लिखित में यह दे कि वह उन्हीं वाहनों को बेचेगी जो सभी उत्सर्जन नियमों का अनुपालन करते हों.पीठ ने कहा, ‘‘हम मामले की गंभीरता को देख रहे हैं. आपको ऐसी कारें नहीं बेचने चाहिए जिसमें गडबडी करने वाले उपकरण लगे हों और जो मानकों को पूरा नहीं करते हों .
फॉक्सवैगन हलफनामा दे कि वह भारत में ऐसा कोई वाहन नहीं बेचेगी, जिसमें धोखाधड़ी वाले उपकरण लगा हो.’ एनजीटी ने आटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन आफ इंडिया (एआरएआई) को चार फरवरी तक जांच रिपोर्ट देने को कहा. मामले की अगली सुनवाई इसी दिन होगी. उल्लेखनीय है कि अधिकरण ने उत्सर्जन नियमों में कथित रूप से गडबड़ी करने को लेकर फॉक्सवैगन वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था.
फॉक्सवैगन की तरफ से मामले में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिनाकी मिश्र ने पीठ से कहा कि वाहनों में ऐसा कोई उपकरण नहीं है और एआरएआई पहले ही मामले की जांच कर चुका है तथा परिणाम का इंतजार है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका तथा यूरोपीय संघ में ‘धोखाधड़ी वाले उपकरण’ को लेकर जांच जारी है और कंपनी को अबतक मुआवजे का कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
इससे पहले, एनजीटी ने दिल्ली निवासियों की याचिका पर केंद्र, फॉक्सवैगन तथा एआरएआई को नोटिस दिया था. याचिका में कथित रूप से उत्सर्जन नियमों के उल्लंघन को लेकर फॉक्सवैगन की गाडियों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है.
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