मुंबई (नयी दिल्ली) : भारतीय स्टेट बैंक की एक आंतरिक समिति को बैंक के उप प्रबंध निदेशक श्यामल आचार्य द्वारा आवंटित ऋण में किसी तरह की अनियमितता नहीं मिली है. समिति का गठन आचार्य के खिलाफ ऋण आवंटन के लिए रिश्वत लेने के कथित आरोपों की जांच के लिए किया गया था.
बैंक की चेयरपर्सन अरंधति भट्टाचार्य ने कहा कि आंतरिक समिति को आचार्य द्वारा किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है. आचार्य बैंक के मिड कारपोरेट समूह के प्रमुख हैं. उन पर कुछ लाभ लेकर ऋण मंजूर करने का आरोप है.
बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि यह सिर्फ आंतरिक समिति की रिपोर्ट है. यह रिपोर्ट 30 नवंबर को सौंपी जानी थी. वित्तीय सेवा सचिव राजीव टकरु ने दिल्ली में कहा कि मंत्रालय को एसबीआई की आंतरिक समिति की रिपोर्ट मिल गई है और उसे देखा जा रहा है. टकरु ने कहा कि उन्होंने इस रिपोर्ट पर भट्टाचार्य के साथ विचार विमर्श किया है.
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