मुंबई: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में गतिरोध पैदा करने के लिये कांग्रेस पर आज फिर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जीएसटी विधेयक को पारित नहीं होने देकर ‘‘परपीडा का सुख” ले रहे हैं लेकिन यह पारित होगा और आखिर में सफलता मिलेगी.
वित्त मंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि संभवत: अच्छे मानसून से आने वाले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन करेगी. क्योंकि इससे पहले लगातार तीन साल के दौरान कभी भी मानसून कमजोर नहीं रहा. जेटली आज यहां ईटी पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे.
इस अवसर पर उनके साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु और दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी थे. उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र इस तरह से काम नहीं करता है. यह जाहिर है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को पारित नहीं होने देने से कुछ लोगों को परपीडा का सुख मिल रहा है. हालांकि, लोकतंत्र की अपनी मजबूती है, आखिर में सफलता मिलने पर जो सुख मिलता है वह सबसे अच्छा होता है.” अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रमुख सुधार माने जा रहे जीएसटी का मार्ग प्रशस्त करने के वास्ते लाया जा रहा संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा में अटका पडा है. कांग्रेस के कडे विरोध के चलते यह अटका हुआ है जबकि जदयू, राजद और बीजू जनता दल सहित कई क्षेत्रीय पार्टियां इसके पक्ष में हैं.
जेटली ने कहा, ‘‘करीब -करीब सभी इसके पक्ष में हैं. किसी एक प्रस्ताव के समर्थन में मैंने क्षेत्रीय दलों का इस तरह एकजुट होना कभी नहीं देखा. यहां तक कि संप्रग के सहयोगी भी इसका समर्थन कर रहे हैं. राजद ने कहा है कि वह इसका समर्थन कर रहा है, जनता दल यूनाइटेड व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी इसका समर्थन कर रही है … केवल एक राजनीतिक दल है जो कि इसका विरोध कर रहा है.” उन्होंने कहा, ‘‘ …. जब मैं पार्टी की मध्यम कमांड से बात करता हूं तो मैं उम्मीद के साथ लौटता हूं. और जब मैं हर सुबह 11 बजे संसद का सत्र शुरु होने से ठीक पहले मिलता हूं तो मुझे लगता है कि मध्यम पंक्ति के उपर हाई-कमान का असर हो जाता है. समस्या भारतीय राजनीति के साथ नहीं है बल्कि समस्या, मुझे लगता है कि कुछ लोगों के साथ है.”
आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि यह कटु सत्य है कि दुनियाभर में गतिविधियां धीमी पडी हैं. ‘‘ऐसे समय जब हर कोई यह देखता है कि भारत में क्या चल रहा है तो उसे महसूस होता है कि जब प्रतिकूल परिस्थितियों में भी भारत 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने की क्षमता रखता है तो फिर सामन्य परिस्थितियों में यह 7.5 प्रतिशत नहीं रह सकता है.” उन्होंने कहा कि सरकार भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर ले जाने की दिशा में काम कर रही है. जेटली ने कहा कि देश 7 से 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करेगा और बेहतर स्थिति में आने के लिये एक से डेढ प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि मानसून, वैश्विक आर्थिक वृद्धि सहित कई कारकों पर निर्भर करती है.
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