राजकोषी घाटे को सीमित करने के लक्ष्य से समझौता नहीं किया जाएगा:चिदंबरम

नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को कम 2016-17 तक घटाकर सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत के बराबर करने की राह पर बने रहने का प्रयास करेगी. उन्होंने कहा ‘‘एजेंडा साफ है. राजकोषीय घाटे को कम करना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2013 12:55 PM

नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को कम 2016-17 तक घटाकर सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत के बराबर करने की राह पर बने रहने का प्रयास करेगी.

उन्होंने कहा ‘‘एजेंडा साफ है. राजकोषीय घाटे को कम करना प्राथमिकताओं की सूची में सबसे उपर है. कोई समझौता नहीं हो सकता . और मैं सरकार की ओर से कह रहा हूं . कि राजकोषीय स्थिति को मजबूत करने के मार्ग पर अग्रसर रहने और वित्त वर्ष 2016-17 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत के बराबर लाने का लक्ष्य प्राप्त करने तक कदम दर कदम, साल दर साल प्रयास जारी रखने के फैसले पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.’’

चिदंबरम ‘दिल्ली आर्थिक सम्मेलन 2013’ में बोल रहे थे जिसका विषय था ‘अगले पांच साल का एजेंडा’. रेटिंग एजेंसी फिच ने कल आशंका जाहिर की कि हाल के विधान सभा में चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से केंद्र का राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है क्योंकि संभावना है कि व्यय कटौती को सीमित करने के खिलाफ राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है.

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