नयी दिल्ली : पर्ल्स ग्रुप के प्रमुख निर्मल सिंह भंगू से सीबीआई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हरियाणा में उसके पास करोड़ों रुपये की 1841 एकड़ जमीन और अन्य संपत्तियां हैं जो उसने कथित रुप से पोंजी योजना से जुटाए.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने पाया कि गुडगांव में 44 वाणिज्यिक संपत्तियों के अलावा हरियाणा के विभिन्न जिलों में कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों के पास 1841 एकड़ जमीन है. गुडगांव की इन 44 वाणिज्यिक संपत्तियों में 14 ग्लोबल फोयेर में हैं जो मिलेनियम सिटी में पहला लक्जरी मॉल है.
सूत्रों ने बताया कि बैनामों की एनआईए की जांच से पता चला है कि ये 44 वाणिज्यिक संपत्तियां 92.5 करोड़ रुपये में खरीदी गयीं. इन संपत्तियों के दाम अवश्य ही कई गुणा बढ़ गये होंगे. उन्होंने बताया कि गुडगांव, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात, पानीपत, पंचकूला, रेवाडी और सिरसा में पर्ल्स एग्रोटेक कोरपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) और उसकी सहायक कपंनियों के पास 1841 एकड़ जमीन है.
पीएसीएल और पीजीएफ की संपत्तियों की जांच से यह भी पता चला कि राष्ट्रीय राजधानी के पॉश कनॉट प्लेस इलाके में कंपनी के स्वामित्व में 66 वाणिज्यिक स्थान हैं. पीएसीएल और पीजीएफ कथित रुप से पोंजी योजनाएं ला रही थीं और उन्होंने पांच करोड़ निवेशकों से 45,000 करोड़ रुपये उगाहे थे.
पोंजी योजनाओं में धन की हेराफेरी के सिलसिले में भंगू पीएसीएल के प्रबंध निदेशक और प्रवर्तक निदेशक सुखदेव सिंह, कार्यकारी निदेशक (वित्त) गुरमीत सिंह और कार्यकारी निदेशक सुब्रत भट्टाचार्य के साथ सीबीआई हिरासत में है. सूत्रों ने बताया कि यहां अकेले इस कंपनी के स्वामित्व में करीब 532 एकड़ जमीन है. वैसे ई-मेल से जब कपंनी की प्रतिक्रया जानने की कोशिश की गयी तो कोई जवाब नहीं मिला.
सूत्रों के अनुसार पिछले दो सालों में इस ग्रूप की जांच के दौरान सीबीआई को कंपनी, उसके निदेशकों और संबंधित कंपनियो के 1300 संदिग्ध बैंक खाते मिले. कंपनी के पास 280 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी है जिस पर रोक लगा दी गयी है. इसके अलावा 108 करोड़ रुपये की रकम दिल्ली उच्च न्यायालय में जमा करायी गयी है. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने 20,000 संपत्ति दस्तावेज जब्त किए हैं जो 5000 करोड़ रुपये का निदेश दर्शाते हैं. उन्होंने बताया कि ग्रुप की क्रिकेट और कबड्डी में रुचि है. वह देश में क्रिकेट लीग में खेलने वाली प्रमुख टीमों में से एक की मुख्य प्रायोजक थी.
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