सरकार ने पीपीएफ और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) जैसी लघु बचत योजनाओं पर 2021-22 की तीसरी तिमाही में ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. सरकार ने यह फैसला तब किया है जब देश पर कोविड-19 महामारी और महंगाई दर में वृद्धि का बोझ है.
PTI न्यूज के अनुसार पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत और एनएससी पर सालाना ब्याज 6.8 प्रतिशत की दर से देती है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दरें 2021-22 की तीसरी तिमाही यानी एक अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक नहीं बदली जायेंगी.
जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय किया है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश देश में स्माल सेविंग्स में इंवेस्ट करने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. पहले नंबर पर बंगाल है.
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सुकन्या समृद्धि योजना के तहत लाभुकों को 7.6 प्रतिशत का ब्याज मिलता रहेगा और फिक्सड डिपोजिट पर 5.5 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 7.4 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता रहेगा. एक साल से पांच साल तक के फिक्सड डिपोजिट पर 5.5 से 6.7 प्रतिशत ब्याज दर दिया जायेगा जबकि रेकरिंग डिपोजिट पर यह 5.8 प्रतिशत रहेगा.
Posted By : Rajneesh Anand
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