अप्रैल-दिसंबर में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 88 प्रतिशत
नयी दिल्ली: ताजा आंकडे सरकार की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत देते हैं. वित्त वर्ष 2015-16 के पहले नौ महीने में राजकोषीय घाटा बजट के सालाना लक्ष्य का 88 प्रतिशत रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में 100.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था. राशि के हिसाब से देखा जाए तो अप्रैल-दिसंबर, […]
नयी दिल्ली: ताजा आंकडे सरकार की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत देते हैं. वित्त वर्ष 2015-16 के पहले नौ महीने में राजकोषीय घाटा बजट के सालाना लक्ष्य का 88 प्रतिशत रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में 100.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था.
राशि के हिसाब से देखा जाए तो अप्रैल-दिसंबर, 2015 के दौरान राजकोषीय घाटा 4.88 लाख करोड रुपये रहा जो 2015-16 के बजट अनुमान (बीई) का 88 प्रतिशत है. यह पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर स्थिति में है. 2014-15 में इस दौरान यह बजट अनुमान का 100.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था. घाटे की स्थिति में सुधार का मुख्य कारण कर संग्रह में वृद्धि है जिससे राजस्व घाटा काबू में रहा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पिछले वर्ष फरवरी में पेश बजट में राजकोषीय घाटा 2015-16 में 5.55 लाख करोड रुपयेरहने का अनुमान लगाया गया है. लेखा महानियंत्रक के आंकडों के अनुसार आलोच्य अवधि में कर राजस्व 6.22 लाख करोड रुपये रहा जो पूरे वर्ष के लिये रखे गये राजस्व अनुमान 9.19 लाख करोड रुपयेका 67.6 प्रतिशत है.
राजस्व से कुल प्राप्ति तथा गैर-रिण पूंजी चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में 8.25 लाख करोड रुपये रही. सरकार ने 2016 मार्च अंत तक 12.21 लाख करोड रुपये की प्राप्ति का अनुमान रखा है. आलोच्य अवधि में सरकार का योजना व्यय 3.45 लाख करोड रुपये रहा जो पूरे वर्ष के बजट अनुमान का 74.4 प्रतिशत है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सरकार का योजना व्यय वर्ष के अनुमान का 61.3 प्रतिशत रहा था.
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