24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा आज, कयासों का दौर जारी

मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज मंगलवार को मैद्रिक नीति की घोषणा करेगा. बजट पूर्व रिजर्व बैंक की यह आखिरी आर्थिक समीक्षा होगी. इस बीच आर्थिक जानकारों व ब्रोकरेज हाउसों के बीच कयासों का दौर जारी है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि रघुराम राजन बजट से ठीक पहले ब्याज दरों में कोई कटौती […]

मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज मंगलवार को मैद्रिक नीति की घोषणा करेगा. बजट पूर्व रिजर्व बैंक की यह आखिरी आर्थिक समीक्षा होगी. इस बीच आर्थिक जानकारों व ब्रोकरेज हाउसों के बीच कयासों का दौर जारी है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि रघुराम राजन बजट से ठीक पहले ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करेंगे और बजट घोषणाओं व सरकारों की नीतियों का इंतजार करेंगे. जअकि कुछ का कहना है कि रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की जा सकती है. गौरतलब है कि पिछले दिनों रघुराम राजन ने कहा था कि महंगाई दर में नियंत्रण जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को देखते हुए सरकार को राजकोषीय घाटा पर नियंत्रण रखना चाहिए था. ब्याज दरों के घटने से महंगाई बढ़ सकती है.

कुछ अर्थशास्त्रियों को मानना है कि सरकार राजकोषीय घाटे का चिंता करने की बजाय सरकारी खर्च बढ़ाना चाहिए ताकि लोगों के पास पैसा पहुंच सके. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कल होने वाली अपनी छठी द्वैमासिक नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरें अपरिवर्तित रख सकता है. यह बात आज सिंगापुर के प्रमुख बैंक डीबीएस ने कही.

यथास्थिति कायम रख सकता है रिजर्व बैंक

मुद्रास्फीतिक दबाव के मद्देनजर रिजर्व बैंक कल अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष 2016-17 के बजट के बाद ही नीतिगत दरों में किसी तरह का बदलाव करेगा. बजट वृहद आर्थिक मानदंडों मसलन राजकोषीय घाटे आदि के मोर्चे पर स्थिति स्पष्ट करेगा. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों की यह भी राय है कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बजट से पहले भी ब्याज दरों में कटौती का मामला बनता है. यस बैंक के प्रबंध निदेशक राणा कपूर ने कहा, ‘हम ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर सकते हैं. विचार विमर्श की गुंजाइश बनती है. लेकिन आंकड़ों के बिंदु पर बजट के बाद विचार विमर्श बेहतर होगा.’

सिटी की रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक बजट तक ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा. इस साल अप्रैल में यह ब्याज दरों में चौथाई फीसद की और कटौती कर सकता है. केंद्रीय बैंक अपनी छठी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा मंगलवार को पेश करेगा. इसी तरह डीबीएस की रिपोर्ट में भी अनुमान लगाया गया है कि मंगलवार को मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा. एचएसबीसी का मानना है कि आगामी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में बदलाव नहीं होगा. केंद्रीय बैंक इस मोर्चे पर किसी तरह के बदलाव से पहले बजट में पेश राजकोषीय रुपरेखा का इंतजार करेगा. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक अप्रैल से जुलाई की अवधि में ही नीतिगत दरों में कटौती करेगा. वहीं बोफा मेरिल लिंच का मानना है कि रिजर्व बैंक फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में चौथाई फीसद की कटौती कर सकता है.

राजन ने डोसा से समझाया था ब्याज दरों और महंगाई के बीच के रिश्ते को

रघुराम राजन ने इस संदर्भ में ‘डोसा अर्थशास्त्र’ का उदाहरण देते हुए कहा था, ‘शुरुआत में पेंशनभोगी 50 रुपये की दर से एक लाख रुपये की बचत राशि से 2000 डोसा खरीद सकता था. लेकिन, वह पैसे का निवेश कर और अधिक डोसा खरीदना चाहता है. ऐसे में उनके मूलधन पर एक साल में 10 फीसदी की दर से दस हजार रुपये मिलेंगे. इसी अनुपात में महंगाई बढऩे से 50 रुपये का डोसा 55 रुपये का हो गया यानि 10 हजार रुपए में करीब 182 डोसे खरीदे जा सकते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें