सूचना प्रौद्योगिकी निर्यात 2016-17 में 10-12 % की धीमी रफ्तार से बढेगा
नयी दिल्ली: भारत के सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीओ क्षेत्र में निर्यात वृद्धि अगले वित्त वर्ष के दौरान 10-12 प्रतिशत की अपेक्षाकृत धीमी रफ्तार से वृद्धि होने के आसार है. इस दौरान निर्यात विनिमय दर में उतार-चढाव, विशेष तौर पर अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपये में नरमी से प्रभावित होगा. साफ्टवेयर सेवा निर्यात उद्योग इस वर्ष मार्च में […]
नयी दिल्ली: भारत के सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीओ क्षेत्र में निर्यात वृद्धि अगले वित्त वर्ष के दौरान 10-12 प्रतिशत की अपेक्षाकृत धीमी रफ्तार से वृद्धि होने के आसार है. इस दौरान निर्यात विनिमय दर में उतार-चढाव, विशेष तौर पर अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपये में नरमी से प्रभावित होगा.
साफ्टवेयर सेवा निर्यात उद्योग इस वर्ष मार्च में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान निर्यात में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है. पिछले साल सूचना प्रौद्योगिकी सेवा और साफ्टवेयर उद्योग संगठन ने चालू वित्त वर्ष के निर्यात में 12-14 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमान जताया था.
रुपया हाल में गिरकर डालर के मुकाबले 29 महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गया था. इस उद्योग पर विनिमय दर में घट बढ का असर होता है क्यों कि देश का 80 प्रतिशत सूचना प्रौद्योगिकी निर्यात अमेरिका और यूरोप को होता है.ऐसे असर के बावजूद क्लाउड, मोबिलिटी, एलओटी और बिग डाटा जैसी डिजिटल प्रौद्योगिकियों में भारी तेजी से 2015-16 में निर्यात दहाई अंक में बढकर 107.8 अरब डालर तक पहुंचने की उम्मीद है.
अनुमान है कि कुल मिलाकर इस उद्योग का कारोबार 2015-16 में 143 अरब डालर रहेगा। वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीओ पर व्यय 2015 में 0.4 प्रतिशत बढा.नास्कॉम के चेयरमैन बीवीआर मोहन रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वैश्विक आर्थिक माहौल में उतार-चढाव के बीच उद्योग ने अपने दहाई अंक की वृद्धि को बरकरार रख कर नया बेंचमार्क तय किया है.’
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.