नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का बढ़ता एनपीए सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है. आज सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों का तिमाही नतीजे जारी हुए. इलाहाबाद बैंक, पीएनबी और देना बैेंक तीनों बैंक के नतीजे काफी निराशजनक रहे.रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर रघुराम राजन ने पिछले दिनों बयान जारी कर कहा था कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है.
बैंकों के बढ़ते एनपीए से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच रहा है. पिछले महीने रिजर्व बैंक ने बैंकों से मार्च 2017 तक बही-खातों को साफ-सुथरा करने को कहा. उन्हें फंसे कर्ज से निपटने के लिए ज्यादा शक्तियां दी जा रही हैं, चालू वित्त वर्ष के समाप्त तिमाही में कई बैंकों के नतीजे काफी निराशजनक रहे हैं.
इलाहाबाद बैंक का तीसरी तिमाही का नुकसान 486 करोड़ रुपये
सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 31 दिसंबर 2015 को समाप्त तीसरी तिमाही में 486.14 करोड़रुपये का शुद्ध घाटा दिखाया है. वसूली में फंसे कर्जों के एवज में अपेक्षाकृत अधिक पूंजी का प्रावधान करने के कारण बैंक को घाटा हुआ है.
एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक को 164.11 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इस दौरान बैंक की आय 5,386.79 करोड़ रुपये से घटकर 5,030.19 करोड़रुपये रही. आलोच्य तिमाही के अंत में कंपनी की शुद्ध अवरद्ध परिसम्पत्तियां (एनपीए) यानी वसूल नहीं हो रहे ऋण का अनुपात कुल बकाया ऋण के 4.23 प्रतिशत पर पहुंच गया.दिसंबर 2014 के अंत में सकल एनपीए 3.89 प्रतिशत था.
पीएनबी का मुनाफा 93 प्रतिशत गिरकर 51 करोड़ रुपये
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) का मुनाफा 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान 93.41 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 51.01 करोड़ रुपये रह गया. फंसे कर्ज (एनपीए) के एवज में ज्यादा प्रावधान किये जाने से बैंक का मुनाफा कम हुआ है. परिसंपत्ति के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बडे सरकारी बैंक, पीएनबी ने 2014-15 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में 774.58 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. दिसंबर 2015 में समाप्त तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय 7.64 प्रतिशत बढकर 13,891.2 करोड़ रुपये रही जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 12,904.85 करोड़ रुपये रही थी.
देना बैंक को तीसरी तिमाही में 663 करोड़ रुपये का घाटा
सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक को चालू वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में 662.85 करोड रुपये का घाटा हुआ. फंसा कर्ज बढने की वजह से घाटा हुआ है.इससे पूर्व वित्त वर्ष 2014-15 की इसी तिमाही में बैंक को 76.56 करोड रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. बैंक की कुल आय भी आलोच्य तिमाही में घटकर 2,722.23 करोड रुपये रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 2,867.32 करोड रुपये थी. बैंक का फंसा कर्ज (एनपीए) आलोच्य तिमाही में बढकर 9.85 प्रतिशत हो गया जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 5.61 प्रतिशत था.
सेंट्रल बैंक को 837 करोड रुपये का घाटा
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया ने आज कहा कि 31 दिसंबर, 2015 को समाप्त हुई तिमाही में उसे 836.62 करोड रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है. सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 137.65 करोड रुपये शुद्ध लाभ हुआ था.
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