हसन अली मामले में ईडी की छह शहरों में छापेमारी, 26 लाख रुपये जब्त

नयी दिल्ली: घोड़ा कारोबारी हसन अली खान के खिलाफ कथित धनशोधन और कालेधन के मामले में नई कार्रवाई करते हुए हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज छह शहरों में छापेमारी की और 26 लाख रुपये नगद एवं दस्तावेज जब्त किए.ईडी ने मुंबई, पुणे, गुडगांव, दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद में 12 स्थानों पर छापेमारी की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 10:27 PM

नयी दिल्ली: घोड़ा कारोबारी हसन अली खान के खिलाफ कथित धनशोधन और कालेधन के मामले में नई कार्रवाई करते हुए हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज छह शहरों में छापेमारी की और 26 लाख रुपये नगद एवं दस्तावेज जब्त किए.ईडी ने मुंबई, पुणे, गुडगांव, दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद में 12 स्थानों पर छापेमारी की है. एजेंसी ने साल 2011 में खान और उसके कथित सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था.

अधिकारियों ने बताया, ‘‘हसन अली मामले में छह शहरों में कम से कम 12 परिसरों में छापेमारी की गई है. करीब 26.3 लाख रुपये नगद, दस्तावेज एवं सूचना वाले कप्यूटर हार्डवेयर जब्त किए गए हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि छापेमारी के अभियान में करीब 30 अधिकारी शामिल थे और उन्होंने स्थानीय पुलिस इकाइयों की मदद से कार्रवाई की.कोलकाता में खान के कथित सहयोगी काशीनाथ टपूरिया के परिसर पर छापेमारी की गई, जबकि गुडगांव में उस स्विस होटल कारोबारी के परिसर पर छापा मारा गया जिसके खिलाफ इस मामले में पहले जांच हो चुकी है. पुणे और मुंबई में खान के आवासों पर छापेमारी की गई.
सूत्रों ने कहा कि यह कार्रवाई अब की गई है क्योंकि एजेंसी मामले को फिर से खोलना और अतिरिक्त सबूत एकत्र करना चाहती है ताकि मुंबई की अदालत में खान के खिलाफ सुनवाई शुरु हो सके और मामले को उसके तार्किक परिणति तक पहुंचाया जाए तथा फैसला हासिल किया जाए.उन्होंने कहा कि ईडी निदेशक कर्नल सिंह ने हाल ही में इस संदर्भ में एक उच्च स्तरीय बैठक की थी जिसके बाद एजेंसी के मुंबई स्थित जोनल कार्यालय से इस अभियान के लिए कहा गया है.
धन शोधन निरोधक कानून के तहत लंबे समय तक जेल में रहे खान पिछले साल अगस्त में जमानत पर रिहा हुआ था जिसके बाद वह मुंबई और पुणे स्थित अपने आवासों पर रह रहा है.इस मामले की जांच आयकर विभाग और कुछ राज्य की पुलिस इकाइयों द्वारा भी की जा रही है. यह मामला एजेंसियों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल सरकार द्वारा अधिसूचित कालेधन संबंधी एसआईटी के कार्यक्षेत्र में खान एक व्यक्ति के तौर पर नामित होता है.
खान मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा सहित कई एजेंसियों की नजर में साल 2007 में आया था। मुंबई पुलिस उसके एवं उसके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन, आकयर चोरी और पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन के आरोपों के तहत जांच कर चुकी है.
उसके पास 50,000 करोड रुपये के कर की मांग करते हुए आयकर नोटिस भी भेजा गया था और यह दावा किया गया था कि विदेश में जमा काले धन का यह निजी स्तर का सबसे बडा मामला है और देश में किसी व्यक्ति की ओर से सबसे अधिक की कर चोरी का भी मामला है.
आयकर विभाग ने कर की मांग को बढाकर 50,345.73 करोड रुपये कर दिया, जबकि ईडी ने विदेशी बैंकों में कथित तौर पर आठ अरब डॉलर का बेनामी धन जमा करने को लेकर धनशोधन निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया. ईडी खान एवं अन्य के खिलाफ विदेशी मुद्रा उल्लंघन को लेकर भी जांच कर रही है.साल 2012 में वित्त मंत्रालय ने संसद की लोक लेखा समिति को सूचित किया था कि खान की ज्ञात चल एचं अचल संपत्तियों को कुर्क करने के बावजूद उससे बकाया कर वसूलना संभव नहीं है.
राजस्व विभाग ने कहा था कि मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार आयकर अपीलीय अधिकरण के समक्ष दायर अपील पर फैसला होने के बाद ही कुर्क संपत्तियों को बेचकर वसूली की जा सकती है. अधिकरण में सुनवाई चल रही है.हसन, उसके सहयोगी काशीनाथ टपूरिया तथा आठ अन्य को साल 2009-10 के आयकर आकलन को लेकर ‘कर चोरी करने वाले शीर्ष 10 व्यक्तियों’ में नामित किया था.

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