17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फेसबुक के निदेशक मंडल के सदस्‍य एंड्रीसन ने मांगी माफी, हटाया ट्वीट

कहा था, भारत ब्रिटेन के अधीन रहता तो आज उसकी स्थिति बेहतर होती न्‍यूयार्क : फेसबुक के निदेशक मंडल के सदस्य मार्क एंड्रीसन के ट्वीट पर छिड़े विवाद के बाद उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया है और भारत से माफी मांगी है. उन्‍होंने कहा कि उनका इरादा भावनाओं का आहत करना नहीं था. बुधवार को […]

कहा था, भारत ब्रिटेन के अधीन रहता तो आज उसकी स्थिति बेहतर होती

न्‍यूयार्क : फेसबुक के निदेशक मंडल के सदस्य मार्क एंड्रीसन के ट्वीट पर छिड़े विवाद के बाद उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया है और भारत से माफी मांगी है. उन्‍होंने कहा कि उनका इरादा भावनाओं का आहत करना नहीं था. बुधवार को भेद-भावपूर्ण इंटरनेट शुल्क पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले को ‘उपनिवेशवाद विरोधी’ सोच करार दे कर एक विवाद खडा कर दिया था. उन्होंने कहा है कि देश ब्रिटेन के अधीन रहता तो आज उसकी स्थिति बेहतर होती. सिलिकॉन वैली के अग्रणी उद्यम पूंजी निवेशक एंड्रीसन और उनके भागीदारी बेनेडिक्ट इवान्स ने दूरसंचार नियामक ट्राइ द्वारा फेसबुक के फ्री बेसिक्स और विवेदकारी डाटा दर वाली अन्य योजनाओं पर प्रतिबंध लगाये जाने के खिलाफ अपनी खीझ ट्वीटर पर जाहिर की थी.

क्या कहा है ट्राई ने

ट्राई ने व्यवस्था दी है कि कोई सेवा प्रदाता इंटरनेट की सामग्री के आधार पर ग्राहकों के लिए डाटा की दरें अलग-अलग नहीं रख सकता. ट्राई ने इसके खिलाफ जुर्माने का प्रावधान भी किया है और नेट निरपेक्षता की वकालत करने वालों के बीच उसके निर्णय की अभूतपूर्व सराहना हुई है. इस पहल को नेट निरपेक्षता के लिए विजय करार दिया गया जिसके तहत सभी इंटरनेट वेबसाइट तक समान पहुंच होगी.

एंड्रीसन के विवादितट्वीट

एंड्रीसन ने ट्विटर पर एटपीमार्का नाम से अपने संदेश में कहा, ‘उपनिवेशवाद विरोधी सोच दशकों से भारतीय जनता के लिए आर्थिक तौर पर विनाशकारी रही है. अब क्यों रोका जाए?’ उन्होंने कहा, ‘यह अपनी जनता के हितों के खिलाफ भारत सरकार के आत्मघाती निर्णयों की श्रृंखला की एक और कडी है.’ एंड्रीसन के भागीदार होरोविट्ज एवान्स ने ट्विटर पर कहा, ‘विचारधारा के आधार पर विश्व की सबसे गरीब जनता को थोडा मुफ्त इंटरनेट संपर्क से महरुम रखना मुझे नैतिकता के आधार पर गलत लगता है.’

सोशल साइट पर आलोचनाओं का दौर

इन टिप्पणियों की सोशल साइटों पर भारी अलोचना हुई है. कुछ लोगों ने फेसबुक की फ्री बेसिक्स योजना को इंटरनेट उपनिवेशवाद करार दिया. सईद अंजुम ने पलटवार करते हुए कहा कि एंड्रीसन का कहने का अर्थ है कि ‘उपनिवेशवाद आर्थिक रूप से हमेशा बेहतर होगा. मूल निवासियों को मदद लेना सीखना चाहिए.’ एक अन्य प्रतिक्रिया में कहा गया, ‘अब फेसबुक के निदेशक मंडल के सदस्य सुझा रहे हैं कि भारत का उपनिवेश (औपनिवेशिक शासन के तहत) रहना अच्छा था और हमें फेसबुक को ऐसा करते रहने देना चाहिए.’ किन्ही गायत्री जयरमण ने कहा है कि ऐसी टिप्पणी करने वाले अपने आप को पक्के रंग वाले भारत (ब्राउन इंडिया) के नये ईस्ट इंडिया कंपनी के उपनिवेशवादी रक्षक के तौर पर देखते हैं.’

आलोचनाओं के बाद हटायाट्वीट, मांगी माफी

आलोचनाओं के बाद एंड्रीसन ने अपना ट्वीट हटा लिया. बाद में उन्होंने इस चर्चा से अपने आपको दूर करते हुए कहा, ‘मैं भारत की आर्थिक नीति या राजनीति पर भावी चर्चा से हाथ वापस खींच रहा हूं. आप लगे रहें.’ बाद में एंड्रीसन ने माफी भी मांगी. फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने भी ट्राई के निर्णय पर निराशा जाहिर की थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें