नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में वृद्धि के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार बैंकों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए और कदम उठा रही है ताकि वे अपने फंसे कर्ज की वसूली कर सकें और इस समस्या पर जल्द काबू पा लिया जाएगा.
जेटली ने नार्थ ब्लाक में संवाददाताओं से कहा, ‘दिवाला कानून पर सक्रियता से विचार हो रहा है. सरकार बैंकों को अधिकारसंपन्न बनाने के लिए कुछ और कदमों पर विचार कर रही है ताकि वे (बैंक) एनपीए की वसूली करने की स्थिति में हों. ‘
उन्होंने कहा, ‘मेरी राय में इस समस्या को शीघ्र ही काबू में कर लिया जाएगा. ‘ एनपीए समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह रिण है जो कि इन बैंकों ने किसी समय में दिया था और सोची समझी नीति के तहत यह माना जा रहा है कि बैलेंस शीट को पारदर्शी होनी चाहिए.
बैंक कर्जदारों से कर्ज की वसूली के लिए सभी संभव कदम उठाने जा रहे हैं. ‘ उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने विभिन्न नीतियों के जरिए बैंकों को एनपीए की वसूली में सक्षम बनाया है.उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक बैंकों का सकल एनपीए सितंबर में बढकर 3.01 लाख करोड रुपये हो गया जो कि मार्च में 2.67 लाख करोड रुपये था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.