मुंबई : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर फंसे कर्ज के बढ़ते बोझ के बीच बैंक ऑफ बड़ौदा को वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान 3,342.04 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. देश में किसी भी बैंक को तिमाही के दौरान हुआ यह सबसे बड़ा घाटा है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने पिछले साल इसी तिमाही में 333.98 करोड़रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था. बैंक के अनुसार अक्तूबर से दिसंबर 2015 तिमाही के दौरान उसकी कुल आय 11,726.95 करोड़ रुपये रही, जबकि इससे पिछले वर्ष उसका कुल कारोबार 11,808.34 करोड़ रुपये रहा था. बैंक की सकल गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) अनुपात भी इस दौरान एक साल पहले के 3.85 प्रतिशत से बढकर 9.68 प्रतिशत पर पहुंच गया जबकि नेट एनपीए अनुपात इस दौरान 2.11 प्रतिशत से बढकर 5.67 प्रतिशत हो गया.
सकल एनपीए आलोच्य अवधि में एक साल पहले जहां 15,452 करोड़ रुपये पर था वहीं चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में दोगुने से भी अधिक बढ़ कर 38,934 करोड़ रुपये हो गया. फंसे कर्ज की राशि बढ़ने से बैंक को काफी प्रावधान करना पड़ा. आलोच्य तिमाही में बैंक का कुल प्रावधान 1,262.25 करोड़ रुपये से बढ़ कर 6,164.55 करोड़ रुपये हो गया. बैंक ऑफ बड़ौदा से पहले कल आइडीबीआइ बैंक ने 2,184 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जो कि किसी भी बैंक का सबसेबड़ा तिमाही घाटा था, लेकिन आज बैंक ऑफ बड़ौदा का नुकसान इससे भी आगे निकल गया.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.