नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वत: संज्ञान लेते हुए रिजर्व बैंक से दो सप्ताह में वैसे डिफॉल्टरों की सूची मांगी है, जिनके पाससरकारीबैंक का पिछले पांच साल में 500 करोड़ या उससे अधिक बकाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में स्वत: संज्ञान अखबार में प्रकाशित उन रिपोर्ट पर लिया, जिसमें बैड लोन की बात कही गयी है.सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को नोटिस जारी करते हुए बंद लिफाफे में सारी जानकारी मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया उसे बड़े डिफाल्टरों की सूची सौंपे. उल्लेखनीय है कि हाल के दिनाें में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों परबैडलोन का दबाव होने को देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह बताने वाली खबरें मीडिया में प्रमुखता से छपी हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंकोंकेपास बड़े लोन लेने वाले डिफाॅल्टर हैं और वे लोन नहीं चुकता कर रहे हैं. बैंक इस कारण अपने एनपीए को दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं.
इस मामले में रिजर्व बैंक व वित्तमंत्रालय ने भी अपनी चिंताएं प्रकट की हैं और बैंकों को इस दिशा में आवश्यक पहल कर सुधार लाने का निर्देश दिया है. बैंकिंग सेक्टर परबैडलोन का दबाव होने के कारण उनकी माली हालत बिगड़ी है व शेयर मूल्य हाल के महीनों में नीचले स्तर पर पहुंच गया है.
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