नयी दिल्ली : अशोक लेलैंड और निसान के बीच आठ साल पुरानी साझीदारी टूटने के कागार पर है. जापानी कंपनी निसान ने तीन संयुक्त उद्यमों में से एक उद्यम का करार खत्म करने का नोटिस दिया है.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारतीय साझीदार ने अनुबंधन समझौते के कथित उल्लंघन और निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (ईपीसीजी) योजना के नियमनों के उल्लंघन को लेकर रेनो निसान आटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को अदालत में घसीटा है.
मई, 2008 में अशोक लेलैंड और निसान ने तीन संयुक्त उद्यम-वाहन विनिर्माण के लिए अशोक लेलैंड निसान वीकल्स लिमिटेड, पावर ट्रेन बनाने के लिए निसान अशोक लेलैंड पावर ट्रेन लिमिटेड और प्रौद्योगिकी संयुक्त उद्यम निसान अशोक लेलैंड टेक्नोलाजीज लिमिटेड स्थापित किया था.
इन साझीदारों ने तब इक्विटी के तौर पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया.
एक सूत्र ने कहा, ‘‘ इस साझीदारी का भविष्य धूमिल प्रतीत होता है. निसान पहले ही प्रौद्योगिकी संयुक्त उद्यम के लिए समापन नोटिस भेज चुकी है. साझीदारों के बीच काफी मतभेद हैं.’ संपर्क किए जाने पर दोनों कंपनियों ने प्रवक्ताओं ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.