नयी दिल्ली: नये रेल बजट में शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में ‘सेमी हाई-स्पीड’ ट्रेनों के डिब्बे चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल में लाने, डिब्बों में नये रंग और उन्हें आधुनिक बनाने तथा उनमें रेडियो आवृति के जरिये पहचान जैसे कई प्रस्ताव होंगे जिन्हें 2016-17 के रेल बजट में शामिल किया जा सकता है.
रेलवे से जुडे सूत्रों के अनुसार इससे पहले 2013-14 के बजट में प्रीमियर सेवा के लिये ‘अनुभूति’ श्रेणी के डिब्बों के विनिर्माण की योजना घोषित की गई थी लेकिन यह योजना अब तक शुरू नहीं हो पाई, आगामी बजट में इसे फिर से जीवित किया जा सकता है. रेल यात्रा के दौरान लगने वाले झटकों को कम करने और डिब्बों को उन्नत बनाने के लिये लिंके होफमान बुश (एलएचबी) डिब्बों को लाने की योजना है ताकि गाडियों को 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चला जा सके.
इससे रेलवे को ऐसे उन्नत डिब्बे देश में ही निर्मित किये जाने को लेकर घरेलू क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी. इससे उन्नत डिब्बों के मामले में आयात पर निर्भरता भी कम होगी और देश में इनका उत्पादन शुरू होने पर भविष्य में इस प्रकार के सेमि-हाई स्पीड ट्रेन डिब्बों की कम लागत पर निर्यात की संभावनायें भी पैदा होंगी. बजट प्रस्तावों में यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने और आंतरिक बेहतरी पर भी गौर किया जा सकता है.
इसके अलावा एसी डिब्बों के कंपार्टमेंट में यात्रियों की त्वरित निकासी सुनिश्चित करने के वास्ते दोतरफा सरकने वाले दरवाजे लगाने, आग लगने की सूचना देने वाली प्रणाली तथा अन्य उपायों की भी घोषणा की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार रेल मंत्री सुरेश प्रभु ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों और परिसरों में शौचालयों को और बेहतर बनाने की दिशा में और कदम उठा सकते हैं.
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