”फेसबुक पर फ्री बेसिक्स से सिर्फ एक प्रभावशाली कंपनी को मदद मिलती”

बार्सेलोना : इंटरनेट सेवा की पेशकश में और प्रतिस्पर्धा लाने का अपील करते हुए वोडाफोन समूह के प्रमुख वित्तोरियो कोलाओ ने फेसबुक की फ्री बेसिक्स पहल पर कहा कि इससे भारत में सिर्फ एक प्रभावशाली कंपनी को फायदा मिल रहा था. दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस के साथ भागीदारी में सोशल नेटवर्क, फेसबुक की मुफ्त योजना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2016 11:59 AM

बार्सेलोना : इंटरनेट सेवा की पेशकश में और प्रतिस्पर्धा लाने का अपील करते हुए वोडाफोन समूह के प्रमुख वित्तोरियो कोलाओ ने फेसबुक की फ्री बेसिक्स पहल पर कहा कि इससे भारत में सिर्फ एक प्रभावशाली कंपनी को फायदा मिल रहा था. दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस के साथ भागीदारी में सोशल नेटवर्क, फेसबुक की मुफ्त योजना के तहत चुनिंदा वेबसाईट के जरिए मूलभूत इंटरनेट सेवा बगैर शुल्क के मुहैया करने की पेशकश की गयी थी. लेकिन भारत में इसकी काफी अलोचना हुई क्योंकि आलोचकों का मानना था कि इससे नेट निष्पक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन होता है जिसके तहत समान शर्तों पर हर किसी को इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने का प्रावधान है चाहे सामग्री का सवाल हो या गति. इसी महीने फेसबुक ने इस संबंध में ट्राई के निर्देश के बाद इस विवादास्पद कार्यक्रम को बंद कर दिया था.

कोलाओ ने कल कहा, ‘मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि निष्पक्षता की रक्षा हो क्योंकि आप जानते हैं कि हम फेसबुक के प्रयोग का हिस्सा नहीं थे. मैंने हमेशा कहा है कि मुझे लगता है कि यह माडल एक प्रभावशाली कंपनी को अनुचित मदद कर रहा है. इसलिए यह कहना कि यह माडल अच्छा या यह बुरा, मेरे लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि किसी माडल से ज्यादा प्रतिस्पर्धा आती है ज्यादा सेवा दी जा सकती है.’ वह भारतीय दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा मुफ्त इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे.

उन्होंने हालांकि साफ किया कि मुफ्त सेवा शिक्षा समेत अन्य क्षेत्रों के लिए अच्छी हो सकती है. यह पूछने पर कि क्या मुफ्त सेवा की मंजूरी होनी चाहिए, कोलाओ ने कहा, ‘यह परिप्रेक्ष्य और निष्पक्ष पहुंच पर निर्भर करता है. मसलन, शिक्षा के लिए. मुझे नहीं लगता कि कोई इस पर आपत्ति करेगा.’ नेट निष्पक्षता का समर्थन करते हुए दूरसंचार नियामक ट्राई ने विभिन्न किस्म की सामग्री के लिए अलग-अलग शुल्क दर पर प्रतिबंध लगा दिया था जिससे फेसबुक की विवादास्पद फ्री बेसिक्स और ऐसी अन्य योजनाओं को बडा झटका लगा था. कोलाओ ने कहा, ‘भारतीय नियामक ने साफ किया है कि वह नहीं चाहता कि एक बडी कंपनी दूसरों के मुकाबले फायदा उठाए लेकिन इस मुद्दे पर अभी बहस जारी है और विश्व के विभिन्न हिस्सों में हमारे विचार अलग-अलग होंगे.’

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