सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और पूंजी डाले जाने की जरूरत : मूडीज
नयी दिल्ली : मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज आगाह किया कि अगले सप्ताह पेश होने वाले 2016-17 के केंद्रीय बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डाले जाने की मात्रा नहीं बढ़ायी जाती है तो उनकी रेटिंग को दबाव का सामना करनापड़ सकता है. इसमें गैर-निष्पादित कर्ज (एनपीएल) केलिए एक मुश्त प्रावधान हेतु सार्वजनिक […]

नयी दिल्ली : मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज आगाह किया कि अगले सप्ताह पेश होने वाले 2016-17 के केंद्रीय बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डाले जाने की मात्रा नहीं बढ़ायी जाती है तो उनकी रेटिंग को दबाव का सामना करनापड़ सकता है.
इसमें गैर-निष्पादित कर्ज (एनपीएल) केलिए एक मुश्त प्रावधान हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों :पीएसबी: में पूंजी स्तर बढ़ाने की जरूरत है.
मूडीज के उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी श्रीकांत वाडलामणि ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप जबतक सरकार बैंकों केलिए पूंजी डाले जाने की योजना को संशोधित कर उसे नहीं बढाती है, बैंकों को अपने क्रेडिट प्रोफाइल को लेकर नकारात्मक दबाव देखना पड़ेगा.’ मूडीज भारत में 11 सार्वजनिक बैंकों की रेटिंग करती है.
इसका अनुमान है कि 31 मार्च 2019 तक इन बैंकों को 1.45 लाख करोड़ रुपये की बाह्य पूंजी की जरूरत है. वाडलामणि ने कहा, ‘‘11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीएल (गैर-निष्पादित कर्ज) दिसंबर 2015 को समाप्त तिमाही में 0.9 से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन मूडीज का इन बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता अपरिवर्तित है.’ उन्होंने कहा कि एनपीएल में वृद्धि का कारण कुछबड़े खातों मेंकर्ज के फंसे होने को स्वीकार करना तथा पुनर्गठित खातों में चुक होना है. मूडीज के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता के बारे में विचार तय करते समय इन बातों को ध्यान रखा गया है.
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