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स्टार्ट अप व डिजीटल इंडिया के लिए क्यों जरूरी है जीएसटी ?

बिजनेस डेस्क संसद के बजट सत्र पर कारोबार जगत की निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि जीएसटी विधेयक पारित होने में अब भी कई अड़चनें हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अब तक इस विधेयक को लेकर अपना रूख स्पष्ट नहीं क्या है. आर्थिक विश्लेषकों की मानें तो हाल ही में शुरू किये गये ‘स्टार्ट अप […]

बिजनेस डेस्क

संसद के बजट सत्र पर कारोबार जगत की निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि जीएसटी विधेयक पारित होने में अब भी कई अड़चनें हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अब तक इस विधेयक को लेकर अपना रूख स्पष्ट नहीं क्या है. आर्थिक विश्लेषकों की मानें तो हाल ही में शुरू किये गये ‘स्टार्ट अप इंडिया’ व ‘डिजीटल इंडिया’ को सफल बनाने के लिए जीएसटी बेहद जरूरी है.
क्या है जीएसटी ?
जीएसटी- गुड्स एंड सर्विस टैक्स ( वस्तु एवं सेवा कर). जीएसटी वस्तुओं व सेवाओंमें लगने वाला टैक्स है. भारत में अभी भी अलग-अलग राज्यों में अलग टैक्स लगते है. वस्तुओंव सेवाओं में लगने वाले टैक्सों में सेल्स सर्विस, एक्साइज डूयूटी, वैट शामिल है. देश के विभिन्न राज्यों में लगने वाले टैक्स कारोबार जगत में निराशा का माहौल पैदा करती है. इस जटिल टैक्स प्रणाली से स्टार्ट अप का सपना पाल रहे उद्यमियों को झटका लगता है.. जीएसटी विधेयक पारित हो जाने से पूरे देश के बाजार का एकीकरण हो जायेगा, इससे सारे टैक्स एक जगह लगेंगे.
डिजीटल इंडिया व स्टार्ट अप इंडिया के लिए क्यों जरूरी है GST
सरकार देश में नये उद्यमियों की पीढ़ी तैयार करने के लिए स्टार्ट अप इंडिया का अभियान चलाया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह नयी पीढ़ी ही देश के आर्थिक गति को बढ़ायेगी. भारत में ज्यादातर नये बिजनेस ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है. इस स्थिति में कोई नया उद्यमी बिजनेस के लिए दूसरे राज्यों से उत्पाद खरीदता है तो उसे ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते है. इसकी वजह से उसे अपने प्रोडक्ट भी ग्राहकों को महंगे दाम में बेचना पड़ता है.
दुनिया की मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में टैक्स प्रणाली बेहद सरल होती है. एकीकृत टैक्स मसलन जीएसटी से न केवल टैक्स चुकाना आसान होता है बल्कि भ्रष्टाचार में भी लगाम लगाया जा सकता है. देश के सुदूर इलाके में बैठा उद्यमी इस टैक्स के आतंक से अपने बिजनेस को बचा सकता है.
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में डिजीटल इंडिया भी शामिल है. सरकार डिजीटल इंडिया से देश के नागरिकों को बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना चाहती है. डिजीटल इंडिया से देश में छोटे उद्यमियों खासकर कृषि उत्पाद व फुड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री अपना माल अच्छे दरों पर बेच सकती है.
इंटरनेट व मोबाइल मार्केटिंग एसोशिएसन के अध्यक्ष शुभो राय ने कहा कि देश के कई राज्यों में अब भी ऑनलाइन खरीदी में 10 प्रतिशत तक कर लगता है. लिहाजा, इससे ग्राहकों को भी ज्यादा पैसे देने पड़ते है. ई कामर्स व ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए जीएसटी का लागू होना जरूरी है.

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