बजट 2016 : पीएफ पर सरकार ने लगाया टैक्स, कम वेतन वालों को राहत

नयी दिल्ली : बजट 2016 में मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के लिए कोई खास राहत की खबर नहीं है वही नौकरी पेशा लोगों के जेब पर भी ईपीएफ के जरिये सीधे असर पड़ने वाला है. अब लगभग 5 करोड़ से ज्यादा ईपीएफ खाताधारों को पैसे निकालने और सेवानिवृत्ति कोष पर भी टैक्स लगेगा. एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 29, 2016 7:25 PM

नयी दिल्ली : बजट 2016 में मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के लिए कोई खास राहत की खबर नहीं है वही नौकरी पेशा लोगों के जेब पर भी ईपीएफ के जरिये सीधे असर पड़ने वाला है.

अब लगभग 5 करोड़ से ज्यादा ईपीएफ खाताधारों को पैसे निकालने और सेवानिवृत्ति कोष पर भी टैक्स लगेगा. एक तरफ सरकार ने ईपीएफ से पैसा निकासी में टैक्स लगा दिया तो दूसरी तरफ कम आमदनी वाले लोगों को मरहम लगाने की भी कोशिश की है. सरकार ईपीएफ रजिस्‍ट्रेशन कराने वाले हर नए कर्मचारी के लिए उनकी नौकरी के पहले तीन साल में 8.33 प्रतिशत का योगदान खुद करेगी.

सरकार इसकी मदद से अनियमित बेरोजगारों को भी एक प्लैटफॉर्म पर लाने की कोशिश करेगी. गौर करने वाली बात यह है कि इस स्कील को सिर्फ उन पर लागू किया जायेगा जिनकी मासिक सैलरी 15 हजार से कम है. सरकार ने इस योजना के लिए 1 हजार करोड़ रुपए के फंड रखा है. सर्विस टैक्‍स नेशनल पेंशन स्‍कीम 138 के तहत रिटायरमेंट के वक्‍त कुल रकम की 40 प्रतिशत की निकासी पर टैक्‍स में छूट का प्रावधान किया गया है जिसका लाभ उन्हें मिलेगा. अभी तक पेंशन स्‍कीम या पीएफ खाते से निकासी पर कोई टैक्‍स नहीं देना पड़ता था.
सरकार ने बजट से पहले ही संकेत दे दिये थे ईपीएफ पर इस बार विशेष ध्यान दिया जायेगा इससे पहेल ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने भविष्य निधि (पीएफ) की निकासी तथा इस राशि के वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना में निवेश के नियमों को कडा कर दिया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब अंशधारक 54 साल की उम्र पूरी होने के बाद अपने पीएफ की निकासी के लिए दावा नहीं कर सकेंगे. अब उन्हें इसके लिए 57 साल की उम्र होने तक इंतजार करना होगा.’ पूर्व के नियमों के अनुसार ईपीएफओ के अंशधारक 54 साल की आयु पूरी होने के बाद अपने पीएफ खाते की 90 प्रतिशत राशि निकाल सकते थे. उनके दावों का निपटान सेवानिवृत्ति से एक साल पहले हो जाता था.
अधिकारी ने कहा कि पहले का नियम तर्कसंगत था क्योंकि कई संस्थानों में सेवानिवृत्ति की आयु 55 या 56 साल होती थी. आज के परिदृश्य में सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल है और अब यह योजना का यह प्रावधान तार्किक नहीं रह गया है. एक अन्य बदलाव के तहत ईपीएफओ ने अब पीएफ से निकाली गयी राशि को वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना में निवेश करने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम को स्थानांतरित करने के लिए आयु सीमा अनिवार्य रूप से 57 साल कर दी है. पहले इस योजना में निवेश 55 साल की उम्र में किया जा सकता था.

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