नयी दिल्ली : लंबे समय से बंद पडी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन पर भारी बकाये को लेकर निशाने पर आए विजय माल्या ने आज कहा कि वह कर्जदाताओं को अतिरिक्त भुगतान के जरिये बैंकों के साथ ‘एकमुश्त निबटारा’ करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ‘कर्जदार’ होने के आरोपों को खारिज कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सभी प्रकार के ‘ऋणों’ के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराने का ‘दुष्प्रचार अभियान’ चलाया जा रहा है.
डिआजिओ के साथ एक सौदा के बाद ज्यादा समय इंग्लैंड में गुजारने और खुद पर लगे ‘भगोडा’ होने के आरोपों से इंकार करते हुये शराब कारोबारी माल्या ने कहा कि वह लंबे समय से बंद एयरलाइन कंपनी किंगफिशर को बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराये जाने के संबंध में जांच एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे. यूनाइटेड स्प्रट्सि लिमिटेड के 7.5 करोड डालर के कर्ज का भुगतान डिआजिओ द्वारा किये जाने के बदले वह इस कंपनी के चेयरमैन का पद छोडने पर सहमत हुए हैं.
माल्या ने जोर देकर कहा कि वह ‘कर्जदार या जान बूझकर ऋण अदायगी में चूक करने वाले’ नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय स्टेट बैंक को लंबे समय से किंगफिशर की वित्तीय परेशानियों के बारे में पता था. स्टेट बैंक ने उन्हें ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) में घसीटा है और उनकी गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त किये जाने की मांग की है.
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