नयी दिल्ली/बेंगलुरु: प्रवर्तन निदेशालय ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लोन डिफॉल्टर विजय माल्या पर केसदर्ज कर लिया है. उन पर केस मनी लाउंड्रिंग मामले में दर्ज किया गया है. अब प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही उनसे पूछताछ करेगा.विजयमाल्या उद्योगपति हैं और पूर्व में किंगफिशर के मालिक हैं.उधर, बेंगलुरु स्थित डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने विजय माल्या को खाते से 515 करोड़ रुपये निकालने पर आज रोक लगा दी है. माल्या को ये पैसे ब्रिटिश कंपनी डियाजिओ से एक समझौते के तहत मिले हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी.
मालूम हो कि पिछले सप्ताह स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल से शिकायत कर विजय माल्या की गिरफ्तारी की मांग की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ सीबीआइ की शिकायत के बाद केस दर्ज किया है. प्रवर्तन निदेशालय उनसे उन कर्जों के बारे में पूछेगा, जो उन्होंने बैंक से लिये हैं. मालूम हो कि माल्या की विमानन कंपनी भी कर्ज में डूबी है.
मालूम हो कि माल्या की कंपनी का अधिग्रहणविदेश कंपनी डियाजिओ ने कर लिया है और उनका स्वामित्व भी खुद की कंपनी पर से खत्म हो गया है, इसके एवज में उन्होंने डियाजिओ से मोटी रकम भी वसूली है और ब्रिटेन जाने की तैयार में हैं. पिछले दिनों हाइकोर्ट ने भी मल्या की उस याचिका को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने डिफॉल्टर टैग हटाने की अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा था कि माल्या को इस मामले को लेेकर उचित फोरम के पास जाना चाहिए.
7800 करोड का कर्ज
वियज माल्या पर 7800 करोड़ रुपये का कर्ज है.ये कर्ज अलग-अलग 17 बैंकों से लिये गये हैं.एसबीआइ का उन पर 1800 रुपये का कर्ज है. एसबीआइ ने बेंगलुरु के डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में चार अर्जियां देकर कर्ज वसूली की मांग की है. एसबीआइ का आशंका है कि माल्या देश से बाहर भाग सकते हैं. उल्लेखनीय है कि सीबीआइ भी बैंकों को कर्ज उगाही में मदद कर सकता है.
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