नयी दिल्ली : सरकार वाणिज्यिक खनन के लिये कोयला क्षेत्र को खोलने के अपने निर्णय को आगे बढाते हुए चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक उपक्रमों को ईंधन उत्पादन तथा बिक्री के लिये 10 से अधिक कोयला खदानों का आबंटन कर सकती है. एक सूत्र ने कहा, ‘कोयला मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में 10 से अधिक कोयला खदान सार्वजनिक उपक्रमों को आबंटित करने पर विचार कर रही है.’ सूत्र ने आगे कहा कि कुछ कोयला ब्लाक कोयला कोयला बहुलता वाले क्षेत्रों तथा कुछ हरियाणा एवं पंजाब जैसे राज्यों को जाएंगे जहां कोयला नहीं है.
अधिकारी ने कहा, ‘कोयला मंत्रालय पश्चिम बंगाल के लिये विशेष मंजूरी मांगेगा क्योंकि राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं.’ उद्योग पर नजर रखने वालों के अनुसार सार्वजनिक उपक्रमों को खदानों के आबंटन के साथ केंद्र का खनन तथा बिक्री पर एकाधिकार समाप्त हो जाएगा. करीब 40 साल में यह पहला मौका है जब सरकार वाणिज्यिक खनन के लिये कोयला क्षेत्र को खोल रही है, जो फिलहाल केंद्रीय उपक्रम कोल इंडिया द्वारा किया जा रहा है.
इससे पहले, मंत्रिमंडल ने कोयला खदान केंद्रीय तथा राज्य उपक्रमों को आबंटित किये जाने को मंजूरी दे दी थी. सरकार ने 2020 तक कोयला का उत्पादन दोगुना कर 1.5 अरब टन करने का लक्ष्य रखा है. इसमें से कोल इंडिया के लिये एक अरब टन का लक्ष्य रखा गया है. इसी को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया जा रहा है.