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सोने, चांदी के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा बीता साल

मुंबई: चालू खाते के घाटे में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा सोने के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने एवं अन्य पाबंदिया लगाने से 2013 में सोने का भाव अपने चरम पर पहुंचने के बाद नीचे आ गया और यह पिछले साल के बंद स्तर से भी नीचे जा सकता है. इक्कीस […]

मुंबई: चालू खाते के घाटे में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा सोने के आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने एवं अन्य पाबंदिया लगाने से 2013 में सोने का भाव अपने चरम पर पहुंचने के बाद नीचे आ गया और यह पिछले साल के बंद स्तर से भी नीचे जा सकता है.

इक्कीस दिसंबर तक सोने की प्रति 10 ग्राम कीमत पिछले साल के बंद स्तर के मुकाबले 840 रुपये या 2.76 प्रतिशत नीचे है, जबकि चांदी की कीमत 13,630 रुपये या 23.57 प्रतिशत नीचे है.बीते वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा जीडीपी के रिकार्ड 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया था. चालू वित्त वर्ष में इसे नीचे लाने के लिए जनवरी में सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया. इसके बाद जून में यह बढ़ाकर 8 प्रतिशत और अगस्त में इसे फिर बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया.

रिजर्व बैंक ने भी बैंकों के लिए सोने के आयात पर पाबंदिया लगा दीं. मसलन, बैंक किसी भी रुप में सोने की खरीद के लिए रिण नहीं दे सकेंगे.सरकार के इन उपायों से भले ही सोने की कीमतें नीचे आइ’, सोना आम आदमी की पहुंच से बाहर ही रहा. देश में साल की शुरआत में सोना स्टैंडर्ड (99.5 शुद्धता) का भाव 30,620 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला और जून के अंतिम सप्ताह में यह 25,130 रुपये के निचले स्तर पर आ गया.

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