नयी दिल्ली : उद्योगपति विजय माल्या के मामले में सीबीआई ने अपनी गलती मान ली है. सीबीआई ने आंतरिक जांच के बाद पाया है किडिटेंशन नोटिस गलती से जारी हुआ था.सीबीआई ने बयान जारी कर कहा कि विजय माल्या को हिरासत में लेने को लेकर सीबीआई की तरफ से जारी किया गया आदेश निचले स्तर के अधिकारी की त्रुटि थी.दूसरी तरफ ईडी ने विजय माल्या को समन भेजा है. ईमेल के जरिये भेजे नोटिस में माल्या को 18 मार्च तक पेश होने की बात कही गयी है. इस बीच आज ईडी ने किंगफिशर एयरलाइन्स के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी से पूछताछ की है. माल्या के लुकआउट नोटिस में आये बदलाव को लेकर सीबीआई ने अपने विभाग में आंतरिक जांच शुरू कर दी है.
सीबीआई ने लुकआउट नोटिस में हुए बदलाव को लेकर आंतरिक जांच शुरू की
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक सीबीआई ने माल्या को जारी लुकआउट नोटिस में बदलाव किया था. सीबीआई द्वारा जारी पहले लुकआउट नोटिस में विदेश जाने पर गिरफ्तारी की बात कही गयी थी लेकिन बाद में लुक आउट नोटिस में बदलाव किया गया और यह कहा गया कि माल्या विदेश जा सकते है सिर्फ उन्हें अपने विदेश दौरे की जानकारी देनी होगी. सीबीआई के लुकआउट नोटिस में हुए बदलाव को लेकर काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी. आज सीबीआई ने इस मामले को लेकर अपने विभाग की आंतरिक जांच शुरू कर दी है.
रद्द हो सकती है विजय माल्या की राज्यसभा की सदस्यता
राज्यसभा में आज फिर विजय माल्या का मुद्दा उठा. कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार और माल्या में करार हुआ है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विजय माल्या भागा नहीं है बल्कि भगाया गया है. गौरतलब है कि विजय माल्या राज्यसभा के सदस्य भी है. राज्यसभा ने आज विजय माल्या की राज्यसभा की सदस्यता के मुद्दे को लेकर इथिक्स कमिटी को भेज दिया है.माल्या पर बैंकों का 9000 करोड़ कर्ज नहीं चुकाने का आरोप है.
फारुक अब्दुल्ला ने कहा भले आदमी है विजय माल्या
कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि विजय माल्या भले आदमी है कोई धोखेबाज नहीं है. फारुक अब्दुल्ला का बयान ऐसे समय आया है जब ज्यादातर राजनीतिक दल माल्या के गिरफ्तारी को लेकर आवाज उठा रहे हैं. फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि विजय माल्या को क्यों गिरफ्तार किया जाना चाहिए, वो वापस आएंगे और जवाब देंगे.
किंगफिशर के मुख्य वित्त अधिकारी से ईडी ने किया पूछताछ
बंद पडी किंगफिशर एयरलाइन्स के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी ए रघुनाथन आज प्रवर्तन निदेशालय के सामने हाजिर हुए. उन्हें इस एयरलाइन को आईडीबीआई बैंक से मिले 900 करोड़ रुपये का कर्ज नहींचुकाने वमनीलांड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध धन के कारोबार पर रोक लगाने वाले मनीलांड्रिंग निवारक अधिनियम के प्रावधानों के तहत
आईडीबीआई बैंक के और विजय माल्या के नेतृत्व वाली किंगफिशर एयरलाइन्स के छह से अधिक कर्मचारियों को सम्मन जारी किये हैं. उन्हें अपने पिछले पांच साल के वित्तीय ब्योरे और आयकर रिटर्न पेश करने को कहा गया है. निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने रघुनाथन को बुलाया था और आज सुबह वह पूछताछ के लिए पेश हुए.’ उन्होंने कहा, ‘‘उनसे पूछताछ महत्वपूर्ण है ताकि विभिन्न वित्तीय सौदों के संबंध में जानकारी मिल सके क्योंकि उनमें से कई रघुनाथन के व्यक्तिगत अधिकार क्षेत्र के हैं.’ अधिकारी के मुताबिक एसएफआईओ के सामने पिछले महीने अपने बयान में रघुनाथ ने किंगफिशर के वित्तीय संकट के लिए माल्या को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह उनके अधीन काम करते थे.
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